पंजाब, जो कभी हरित क्रांति का अग्रदूत था, आज नशे की काली छाया से जूझ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में युवाओं को नशे की लत में फँसता देखना, हर पंजाबवासी के लिए एक पीड़ा बन चुका है। सरकारें आईं और गईं, वादे हुए और टूटे, पर नशा अब भी हर गली-कूचे तक पहुंच चुका है। लेकिन अब राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक निर्णायक अभियान छेड़ दिया है, जिसका उद्देश्य सिर्फ नशे को खत्म करना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना भी है।
👉 “यह अब सिर्फ कानून की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज की ज़िम्मेदारी है।”
🔵 सरकार की घोषणा: ‘ड्रग फ्री पंजाब’ के लिए जन-जागरण
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की कि अब सरकार नशे के खिलाफ एक बड़े जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत कर रही है। इस अभियान के तहत आम जनता को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे बिना किसी डर के, किसी भी संदिग्ध गतिविधि या ड्रग्स सप्लाई की सूचना पुलिस को दें।
📌 FIR दर्ज कराने के लिए अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म उपलब्ध होंगे।
📌 शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
📌 ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को अब सामाजिक आंदोलन के रूप में लिया जाएगा।
👉 “अब हर आम नागरिक ड्रग्स की शिकायत दर्ज करा सकता है — नाम गोपनीय रहेगा।”
🟣 जन-जागरूकता अभियान: हर गांव से शुरू होकर हर शहर तक
राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ लड़ाई को केवल पुलिस-प्रशासन तक सीमित न रखते हुए, समाज के हर वर्ग को साथ लेने का फैसला किया है। इसके तहत:
✅ स्कूल और कॉलेजों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहाँ छात्रों को नशे के दुष्प्रभाव और उससे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
✅ पंचायतों को सक्रिय किया जाएगा, ताकि वे अपने क्षेत्रों में ड्रग्स से जुड़ी जानकारी प्रशासन तक पहुंचाएं।
✅ महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि वे परिवार और समाज की पहली सुरक्षा दीवार हैं।
👉 “हर गांव, हर गली अब बनेगी नशा-मुक्त पंजाब की नींव।”
🟤 पहले की रणनीतियों और अब की नीति में अंतर
पहले की सरकारें इस समस्या को कानून-व्यवस्था की नजर से देखती रहीं। कुछ अभियानों की शुरुआत तो हुई, लेकिन जनभागीदारी की कमी और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमजोरी के कारण वे प्रभावी नहीं हो पाए।
अब की सरकार ने पारदर्शिता, तकनीक और जनसहभागिता को केंद्र में रखते हुए रणनीति तैयार की है। FIR दर्ज करने की सरलता, सूचना देने की गोपनीयता, और स्कूलों तक पहुंच बनाकर यह पहल जमीनी स्तर पर मजबूत होती दिख रही है।
👉 “पहले जहां सिर्फ वादे थे, अब ज़मीनी कार्रवाई है।”
⚫ पुलिस और STF की सक्रिय भूमिका
राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हाल ही में कई बड़े ड्रग सप्लायर्स को पकड़कर इस अभियान को मजबूत आधार दिया है। कुछ प्रमुख पहलें:
🔹 1 महीने में 300+ FIR दर्ज की गईं।
🔹 50 से अधिक नेटवर्क सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया।
🔹 बॉर्डर इलाकों में BSF के साथ समन्वय से बड़ी खेप पकड़ी गई।
👉 “सिर्फ स्मॉल पेडलर्स नहीं, अब नेटवर्क के सरगनाओं पर कार्रवाई।”
Yudh Nashian Virudh | Day 75: War on Drugs Intensifies – 486 Raids Across Punjab!
⭕ 124 drug smugglers arrested (Total: 11,208 in 75 days)
⭕ 83 FIRs registered
⭕ 4.02 kg heroin, 2.5 kg opium & ₹27,090 drug money seized
⭕ 200+ teams with 1,200+ cops, led by 87 officers,… pic.twitter.com/V7KDorzepG— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) May 16, 2025
🔴 जनता की भागीदारी: युवाओं से उम्मीद की नई किरण
सोशल मीडिया पर #Drug Free Punjab ट्रेंड करने लगा है। स्कूलों में बच्चे निबंध और पोस्टर प्रतियोगिताओं में भाग लेकर जागरूकता फैला रहे हैं। स्थानीय NGOs भी गांव-गांव जाकर कार्यक्रम चला रहे हैं।
🔸 मोहाली की एक महिला समूह ने “नशा मुक्त मोहल्ला” अभियान शुरू किया।
🔸 अमृतसर के एक कॉलेज में 500 छात्रों ने ड्रग्स के खिलाफ शपथ ली।
🔸 इंस्टाग्राम और फेसबुक पर युवाओं के बनाए जागरूकता वीडियो वायरल हो रहे हैं।
गौर करने वाली बात है कि नशे से जुड़ी घटनाएं सिर्फ ड्रग्स तक सीमित नहीं हैं। हाल ही में पंजाब के अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 15 लोगों की मौत हो गई थी, जिसने फिर से राज्य में जहरीले पदार्थों की उपलब्धता पर सवाल खड़े कर दिए। इस रिपोर्ट को आप यहां पढ़ सकते हैं।
👉 “अब लड़ाई सरकार बनाम नशा नहीं, बल्कि पंजाब बनाम नशा है।”
🟢 अब जागरूकता ही असली हथियार
नशे की समस्या से लड़ना सिर्फ सरकार का काम नहीं है। यह लड़ाई तब ही सफल होगी जब हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए। समाज, स्कूल, पंचायत, पुलिस — सबको साथ आना होगा। सरकार की ओर से कदम बढ़ाए गए हैं, अब ज़िम्मेदारी है कि जनता उन्हें समर्थन दे।
👉 “पंजाब तभी बचेगा, जब मिलकर लड़ेंगे — नशे के खिलाफ, इंसानियत के लिए।”
💬 आपकी राय जरूरी है!
क्या आप अपने गांव या शहर में ‘ड्रग-फ्री’ अभियान में हिस्सा लेंगे?
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क्योंकि आपकी आवाज़, बदलाव का आधार बन सकती है।