दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना है, जिसे एनसीआर क्षेत्र में ट्रैफिक को सुगम और तेज बनाने के लिए शुरू किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली से मेरठ के बीच का सफर महज 60 मिनट में पूरा करना है, जो फिलहाल सड़क मार्ग से करीब 2.5 घंटे तक का हो जाता है।
इस परियोजना को NCRTC (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो भारत सरकार और उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकारों की एक संयुक्त संस्था है।
200 टन स्टील स्पैन: नई उपलब्धि की ओर कदम
16 मई को एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि दर्ज की गई जब 200 टन वजनी स्टील स्पैन को बारापुला वायाडक्ट के ऊपर सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। यह संरचना सराय काले खां और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास स्थित है।
📌 स्पैन की कुल लंबाई 73 मीटर है और इसे तैयार करने में भारी इंजीनियरिंग तकनीकों का सहारा लिया गया।
📌 NCRTC ने सिर्फ 72 घंटों के भीतर इस जटिल संरचना की स्थापना पूरी कर ली, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
NCRTC completes 200-tonne steel span installation over Barapullah flyover for Namo Bharat corridor
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— Rail Analysis India (@RailAnalysis) May 15, 2025
तकनीकी चुनौतियां और समाधान
इस भारी स्टील स्पैन को स्थापित करना कोई आसान कार्य नहीं था।
➡️ इसे तीन भागों में पहले असेंबल किया गया और फिर हाई-टेक हाइड्रोलिक जैक और विंच सिस्टम की मदद से 6 मीटर की ऊंचाई तक उठाया गया।
➡️ इसके बाद इसे सटीकता से मौजूदा कॉलम्स पर बिठाया गया, ताकि ट्रेन का संचालन भविष्य में पूरी सुरक्षा के साथ हो सके।
इस दौरान सबसे बड़ी चुनौती थी— ट्रैफिक कंट्रोल। NCRTC और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर स्पेशल ट्रैफिक प्लान तैयार किया, ताकि शहर की सामान्य गतिविधियों में कोई रुकावट न आए।
नमो भारत कॉरिडोर: भविष्य की तेज रफ्तार की बुनियाद
नमो भारत ट्रेन, जो इस कॉरिडोर में संचालित होगी, भारत की पहली आधुनिक और तेज़ रैपिड ट्रेन है। यह ट्रेन हाई-स्पीड, कम शोर, ऊर्जा-सक्षम और अत्यधिक सुरक्षित होगी।
📌 दिल्ली-मेरठ मार्ग पर यह ट्रेन 180 किमी/घंटा की स्पीड तक चलेगी
📌 हर स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 5-10 किलोमीटर होगी
📌 पूरी यात्रा मात्र 60 मिनट में पूरी की जा सकेगी
इससे दैनिक यात्रियों की यात्रा समय में भारी कटौती होगी, साथ ही NCR में प्रदूषण और ट्रैफिक पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
स्थानीय यातायात और सुरक्षा उपाय
स्पैन स्थापना के दौरान सुरक्षा सर्वोपरि थी।
➡️ NCRTC ने दिन-रात काम करके यह सुनिश्चित किया कि निर्माण कार्य की वजह से न तो यातायात प्रभावित हो और न ही आम लोगों की सुरक्षा पर कोई असर पड़े।
➡️ स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक विभाग के सहयोग से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग किया गया, ताकि भीड़भाड़ न हो।
NCRTC ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरा कार्य अत्यंत पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ पूरा किया।
NCRTC की अब तक की उपलब्धियां और आगे की योजना
इस परियोजना के तहत पहले ही दुहाई से साहिबाबाद तक का सेक्शन चालू हो चुका है, जहां नमो भारत ट्रेनें आम जनता के लिए शुरू हो चुकी हैं। अब बारापुला जैसे महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कार्यों के पूरा होने के साथ, अन्य चरण भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
🔹 2025 तक दिल्ली से मेरठ तक का पूरा कॉरिडोर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है
🔹 इस बारे में हमारी विस्तृत रिपोर्ट भी पढ़ें जिसमें परियोजना की चरणबद्ध प्रगति समझाई गई है।
विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
इस परियोजना को लेकर तकनीकी विशेषज्ञों ने NCRTC की सराहना की है, खासकर जटिल संरचनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए।
🎙️ स्थानीय निवासी इस पहल से उत्साहित हैं, क्योंकि इससे
- दिल्ली-एनसीआर की भीड़भाड़ में कमी आएगी
- आम लोगों को सस्ते, तेज और आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी
निष्कर्ष
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। बारापुला वायाडक्ट पर 200 टन स्टील स्पैन की स्थापना इस बात का संकेत है कि भारत अब आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में वैश्विक मानकों को छू रहा है।
➡️ यह प्रोजेक्ट न केवल दिल्ली और मेरठ को जोड़ता है, बल्कि पूरे NCR को एक नई दिशा और रफ्तार भी देता है।
➡️ NCRTC द्वारा किया गया यह कार्य भविष्य में और अधिक स्मार्ट सिटीज़ और आधुनिक परिवहन प्रणाली की नींव रखता है।
💬 आप इस परियोजना को लेकर क्या सोचते हैं? क्या यह NCR में ट्रैफिक समस्या का समाधान बन पाएगा? नीचे कमेंट करके हमें जरूर बताएं।