अमृतसर (पंजाब) — पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा उपमंडल में फिर एक दर्दनाक त्रासदी सामने आई है। इलाके में कथित तौर पर नकली शराब पीने से अब तक 15 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटना राज्य में लगातार सामने आ रहे नशे के मामलों और प्रशासनिक विफलता की एक और मिसाल बन गई है।
घटना की शुरुआत: सीमावर्ती गांवों में ज़हर का असर
यह हादसा मजीठा उपमंडल के सीमावर्ती इलाकों में उस वक्त सामने आया जब कुछ ग्रामीणों की तबीयत सस्ती देसी शराब पीने के बाद अचानक बिगड़ने लगी। शुरुआती लक्षणों में उल्टी, सिर दर्द और आंखों की रोशनी प्रभावित होना शामिल था।
कुछ ही घंटों में हालात गंभीर हो गए और कई लोगों को गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया। वहीं कई की मौत मौके पर ही हो गई।
यह वही क्षेत्र है जहां कुछ समय पहले विक्रम मजीठिया को ड्रग केस में राहत मिलने की खबर सुर्खियों में रही थी, जिससे पंजाब में नशा रैकेट और राजनीतिक जुड़ाव की बहस और तेज हो गई थी।
#WATCH | Punjab: 14 people dead and 6 hospitalised after allegedly consuming spurious liquor in Amritsar’s Majitha
Amritsar Deputy Commissioner Sakshi Sawhney says, ” An unfortunate tragedy has happened in Majitha. We got to know yesterday night, we received reports from 5… pic.twitter.com/9IauurxVyq
— ANI (@ANI) May 13, 2025
पीड़ितों की पहचान और गांवों में शोक
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, मृतकों की संख्या 15 हो चुकी है और अन्य कई पीड़ित नाजुक हालत में अस्पतालों में भर्ती हैं। मृतकों में ज़्यादातर मज़दूरी करके जीवन यापन करने वाले गरीब वर्ग के लोग हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी ने शराब एक ही सप्लायर से खरीदी थी, जो इलाके में लंबे समय से यह कारोबार कर रहा था। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद संदिग्धों की पहचान कर ली है।
14 dead after consuming spurious liquor in Amritsar’s Majitha area; several others in critical condition. Tragedy hits villages Maradi Kalan, Bhaghali Kalan & Jayantipur. Police arrested several people & registered FIR against them. pic.twitter.com/kYUNp4s54B
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) May 13, 2025
प्रशासन की कार्रवाई तेज़, जांच जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। शराब के सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है, जिसमें संभावित जहरीले रसायनों की मौजूदगी की पुष्टि की जा रही है।
एसएसपी स्वपन शर्मा ने बताया कि इस मामले में FIR दर्ज की गई है और ज़िम्मेदारों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
यह मामला राज्य के उन कई अनसुलझे मुद्दों की ओर भी इशारा करता है जो वर्षों से शासन-प्रशासन की निगरानी व्यवस्था की पोल खोलते आ रहे हैं। जैसे कि चप्पड़चिरी की ऐतिहासिक सड़क की बदहाली की रिपोर्ट में देखा गया था, जहां विकास के दावे जमीनी सच्चाई से कोसों दूर हैं।
राजनीतिक हलचल: विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस दर्दनाक घटना के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने इसे शासन की विफलता बताया है। नेताओं का कहना है कि हर बार जांच होती है, लेकिन परिणाम शून्य रहते हैं।
हालांकि सरकार का दावा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और अवैध शराब नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की नाराज़गी: पहले भी की थी शिकायतें
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले भी शराब की अवैध बिक्री को लेकर शिकायतें दर्ज कराई थीं लेकिन उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया।
एक ग्रामीण का बयान था, “हमने कई बार पुलिस को बताया कि यहां बिना लाइसेंस के शराब बेची जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
इतिहास की पुनरावृत्ति: कब थमेगा यह सिलसिला?
यह कोई पहली बार नहीं है जब पंजाब में जहरीली शराब ने कहर बरपाया हो। 2020 में तरनतारन, बटाला और अमृतसर में नकली शराब पीने से 100 से अधिक मौतें हुई थीं।
उस वक्त भी सरकार ने जांच बैठाई थी, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। आज, वही सवाल फिर सामने है — क्या इस बार कुछ बदलेगा?
विशेषज्ञों की राय: समाधान की राह कहां है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और समाजसेवियों का मानना है कि जब तक गांवों में जन-जागरूकता नहीं बढ़ेगी और निगरानी प्रणाली को मज़बूत नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
वहीं, राजनीतिक संरक्षण और लचर कानून व्यवस्था भी इस ज़हर के व्यापार को लगातार जीवित रखे हुए हैं।
आगे क्या? सरकार के लिए चुनौती भरा समय
अब समय है कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे और वादों से आगे बढ़कर ठोस नीति बनाए। इसके लिए ज़रूरी कदम हो सकते हैं:
- अवैध शराब के अड्डों की सख्त निगरानी
- स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही तय करना
- जन-जागरूकता अभियान
- ग्राम स्तर पर सुरक्षा समितियों का गठन
एक और त्रासदी, एक और मौका सुधार का
हर त्रासदी हमें चेतावनी देती है, लेकिन अफ़सोस, अक्सर हम उसे अनसुना कर देते हैं। पंजाब को अब ज़रूरत है कड़े कदमों और ईमानदारी से लागू की गई नीतियों की, ताकि फिर कोई परिवार अपनों को यूं न खोए।
आपकी राय क्या है?
क्या सरकार इस बार दोषियों को सज़ा दिला पाएगी? क्या पंजाब में नकली शराब की समस्या का स्थायी हल निकल पाएगा?
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