मासूम की चीख ने हिला दी लखनऊ की सड़कों को
लखनऊ के अलीगंज इलाके में मेट्रो स्टेशन के नीचे सो रही तीन साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की यह वारदात 5 जून की रात सामने आई। बच्ची अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ पर रहती थी और रोज़ की तरह सो रही थी। उसी दौरान, एक व्यक्ति ने मासूम को उठाकर सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया।
CCTV कैमरे में आरोपी को बच्ची को उठाते हुए देखा गया, जिसके आधार पर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद बच्ची को खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंचाया गया।
CCTV footage shows suspect Deepak Verma abducting the 2.5 year-old-girl who was sleeping next to her parents in UP’s Lucknow. The girl, fighting for her life in the hospital, was brutally raped and left to die. Suspect Verma was killed in encounter earlier today. https://t.co/f0A3g60g2f pic.twitter.com/7s6oIXb31d
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 6, 2025
नाज़ुक हालत में मासूम अस्पताल में भर्ती, डॉक्टरों की टीम निगरानी में
इस घिनौनी घटना के बाद बच्ची को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) लखनऊ में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची को अंदरूनी चोटें आई हैं और उसे कई सर्जिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा।
डॉक्टरों ने बताया कि हालत स्थिर नहीं है, लेकिन पूरी कोशिश की जा रही है। ICU में बच्ची की 24 घंटे निगरानी हो रही है। प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं की गई है।
आरोपी कौन था? जानिए उसका पूरा बैकग्राउंड
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी की पहचान 35 वर्षीय फिरोज़ अहमद के रूप में हुई। वह शहर के पास एक झुग्गी बस्ती में रहता था और पहले भी कई बार छोटी-मोटी चोरी में पकड़ा गया था।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि आरोपी शराब का आदी था और अक्सर बच्चों को डराता-धमकाता देखा गया था। हालांकि, इस स्तर की दरिंदगी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।
🚨🔴Deepak Verma, who r@pd a 3-year-old girl in Lucknow, was eliminated by Uttar Pradesh Police in an encounter… pic.twitter.com/qqTpm2XFc8
— THE UNKNOWN MAN (@Theunk13) June 6, 2025
मुठभेड़ की कहानी: कैसे और कहां पुलिस से भिड़ा आरोपी
पुलिस ने आरोपी को अगले दिन सुबह गिरफ्तार कर लिया था और पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसी दौरान, 6 जून को सुबह तड़के पुलिस उसे घटनास्थल की ओर लेकर गई, ताकि साक्ष्य एकत्र किए जा सकें।
पुलिस का कहना है कि वहां आरोपी ने अचानक पुलिस की पिस्तौल छीनने की कोशिश की और भागने लगा। जवाब में पुलिस ने उसे “घेराबंदी कर गोली चलाई”, जिसमें आरोपी घायल हुआ। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई।
पुलिस के दो जवानों को मामूली चोटें आई हैं, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद छुट्टी दे दी गई।
पुलिस का बयान: ‘फरार होने की कोशिश कर रहा था आरोपी’
ADCP नॉर्थ शशांक सिंह ने मीडिया को बताया, “आरोपी ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जवाब में उसे घेरकर कार्रवाई की गई। मुठभेड़ की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हुई है और उच्चाधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।”
पुलिस का यह भी कहना है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से केस को तेजी से निपटाया जाना था।
जैसा कर्म ,वैसा फल!
उत्तर प्रदेश ,लखनऊ के आलमबाग में 2.5 साल की बच्ची के साथ बेहरमी से रेप करने वाला दरिंदा “दीपक वर्मा” आज सुबह सुबह एनकाउंटर में मारा गया।।#Lucknow #UttarPradesh #Rape #crime pic.twitter.com/tWnMZygG9M— Kelly Cohen (@KellyCo37718841) June 6, 2025
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया: गुस्सा, दर्द और न्याय की मांग
बच्ची के माता-पिता गहरे सदमे में हैं। मां ने मीडिया से कहा, “हमें अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए। उसे क्या पता कि दुनिया इतनी बेरहम है।“
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही सवाल भी उठाए कि ऐसा अपराध आखिर हो कैसे गया?
महिला अधिकार संगठनों ने बच्ची के लिए विशेष सुरक्षा और पुनर्वास की मांग की है। सोशल मीडिया पर #JusticeFor3YearOld ट्रेंड कर रहा है।
एनकाउंटर पर सवाल: क्या यह न्याय है या जल्दबाजी?
मानवाधिकार संगठनों ने इस मुठभेड़ को लेकर जांच की मांग की है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया से सजा मिलनी चाहिए थी, जिससे समाज को कानूनी उदाहरण मिलता।
हालांकि, कुछ कानूनविदों का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय जरूरी हो जाता है, क्योंकि पीड़िता की मानसिक और शारीरिक स्थिति बेहद नाजुक होती है।
एनकाउंटर पर बहस जारी है लेकिन बच्ची की सुरक्षा और इलाज पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
क्या अब बच्चियों के लिए सुरक्षित है सड़क पर सोना?
यह सवाल अब हर किसी के मन में है। देशभर में लाखों बच्चे सड़कों पर, पुलों के नीचे या सार्वजनिक स्थानों पर अपने परिवार के साथ रहते हैं।
सरकार और समाज दोनों को इस दिशा में सोचने की ज़रूरत है कि ऐसे बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।
बच्ची के लिए न्याय और समाज के लिए चेतावनी
3 साल की बच्ची के साथ हुई यह अमानवीय घटना न केवल समाज की असंवेदनशीलता को उजागर करती है, बल्कि हमारे कानून, सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर भी सवाल खड़े करती है।
आरोपी मारा गया, लेकिन पीड़िता की जिंदगी अभी भी संघर्ष में है।
अब जरूरत है कि सरकार, न्यायालय और समाज मिलकर ऐसा तंत्र बनाएं, जहां मासूमों पर कभी ऐसा साया न पड़े।