बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शनिवार को अपना संकल्प पत्र (Manifesto) जारी किया, जिसमें राज्य के विकास, रोजगार और महिला सशक्तिकरण को लेकर कई बड़े वादे किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में जारी इस घोषणापत्र में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है दो प्रमुख वादों की —
👉 1 करोड़ सरकारी नौकरियां देने का संकल्प
👉 और 1 करोड़ “लखपति दीदी” बनाने का लक्ष्य।
बेरोजगारी पर सीधा वार : 1 करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा
NDA के इस संकल्प पत्र में सबसे बड़ा आकर्षण युवाओं को लेकर किया गया ऐलान है। गठबंधन ने वादा किया है कि आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।
इस घोषणा से बिहार के बेरोजगार युवाओं में नई उम्मीद जगी है।
मुख्य बिंदु:
- राज्य के हर जिले में नई भर्तियां शुरू होंगी।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, प्रशासन, कृषि और तकनीकी क्षेत्रों में अधिक पद सृजित किए जाएंगे।
- भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करने का वादा किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वादा अगर ईमानदारी से लागू होता है तो यह बिहार की रोजगार स्थिति में ऐतिहासिक सुधार ला सकता है।
महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान : ‘लखपति दीदी’ योजना का विस्तार
NDA’s Big Bihar Pitch!
Unveiled its 2025 #Bihar manifesto in Patna with Amit Shah & Nitish Kumar leading the launch:
-1 crore government jobs to boost youth employment.
-Skill centres in every district for training and global placements
-₹2 lakh support for women… pic.twitter.com/bYYvqsHLcF
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) October 31, 2025
t-weight: 400;”>महिला सशक्तिकरण NDA के घोषणापत्र का दूसरा बड़ा स्तंभ है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केंद्र में चलाई जा रही
‘लखपति दीदी’ योजना को बिहार में और बड़ा स्वरूप देने का वादा किया गया है।
NDA ने कहा है कि बिहार में 1 करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनेंगी — यानी हर महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़कर सालाना एक लाख रुपये या उससे अधिक की आय अर्जित करेगी।
मुख्य पहलें:
- महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त ऋण और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ग्रामीण इलाकों में महिला उद्यमिता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- राज्य सरकार के सहयोग से SHG नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।
यह योजना न सिर्फ महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देगी।
युवाओं और शिक्षा के लिए नया रोडमैप
NDA के संकल्प पत्र में शिक्षा और कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
- सभी जिलों में डिजिटल यूनिवर्सिटी और टेक्निकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
- विद्यार्थियों के लिए फ्री टैबलेट और डिजिटल लर्निंग किट दी जाएंगी।
- स्टार्टअप हब और इनोवेशन सेंटर खोले जाएंगे ताकि बिहार के युवा राज्य में ही रोजगार सृजित कर सकें।
NDA का दावा है कि इन योजनाओं के ज़रिए बिहार “Talent Exporter State” से “Talent Developer State” में बदलेगा।
कृषि और ग्रामीण विकास पर जोर
बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका को ध्यान में रखते हुए घोषणापत्र में किसानों के लिए कई नई योजनाओं की बात की गई है।
- सभी किसानों को 100% बीमा कवरेज देने का वादा।
- नए कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना।
- सिंचाई के लिए सोलर पंप योजना का विस्तार।
- कृषि उपज का बेहतर दाम सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल मंडी प्लेटफॉर्म।
इन उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों के लिए नए वादे
राज्य में उद्योग, परिवहन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं।
- अगले पांच वर्षों में 50,000 किलोमीटर नई सड़कें बनाने का वादा।
- बिहार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत नए औद्योगिक क्षेत्र।
- इलेक्ट्रिक वाहन और सौर ऊर्जा उद्योगों को बढ़ावा।
- ग्रामीण इलाकों में सस्ती बिजली और तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी की गारंटी।
इन योजनाओं के ज़रिए NDA का उद्देश्य बिहार को “पूर्वी भारत का औद्योगिक हब” बनाना है।
गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा पर फोकस
घोषणापत्र में समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया गया है।
- गरीब परिवारों के लिए पक्का मकान योजना।
- मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना का विस्तार।
- अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और कौशल विकास कार्यक्रम।
NDA का दावा है कि इन पहलों से बिहार के विकास में कोई पीछे नहीं रहेगा।
NDA का विजन : विकसित बिहार की दिशा में कदम
घोषणापत्र के ज़रिए NDA ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि आने वाले वर्षों में बिहार आत्मनिर्भर और रोजगार-सक्षम राज्य बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “बिहार का भविष्य अब नई ऊँचाइयों को छुएगा, जहां हर घर में रोजगार और हर महिला सशक्त होगी।”
इसी के साथ यह भी कहा गया कि बिहार में NDA की जीत “विकास के मॉडल” की स्वीकृति होगी।
आप यहां पढ़ सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे कहा — ‘बिहार में NDA की विजय का शंखनाद होगा।’
विपक्ष पर अप्रत्यक्ष निशाना लेकिन बिना विवाद के
संकल्प पत्र में विपक्ष पर सीधा हमला नहीं किया गया है, लेकिन कई नीतिगत बिंदुओं के ज़रिए NDA ने अपने शासनकाल और पूर्ववर्ती सरकारों के कामकाज में अंतर को स्पष्ट किया है।
इससे यह साफ संदेश गया कि NDA अपनी नीतियों और उपलब्धियों के आधार पर चुनाव मैदान में उतरेगा।
जनता की उम्मीदें और चुनावी प्रभाव
बिहार में युवा और महिलाएं NDA के इन दो बड़े वादों — 1 करोड़ सरकारी नौकरियां और 1 करोड़ लखपति दीदी — से सबसे ज्यादा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ये वादे समयबद्ध तरीके से पूरे होते हैं, तो यह बिहार के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में गहरी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में इस घोषणापत्र को लेकर लोगों में उत्सुकता देखी जा रही है, और सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा भी तेज है।
निष्कर्ष
NDA का बिहार चुनाव 2025 का घोषणापत्र एक व्यापक विकास दृष्टि प्रस्तुत करता है —जहां रोजगार, महिला सशक्तिकरण, कृषि, शिक्षा, और उद्योग जैसे क्षेत्र केंद्र में हैं।अगर यह वादे धरातल पर उतरते हैं, तो बिहार एक नए युग की ओर बढ़ सकता है।




















