हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के एक सरकारी स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें कक्षा 6 से 8 तक की 24 छात्राओं ने एक शिक्षक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बच्चों के परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। घटना सामने आने के बाद से क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है।
शिक्षक के व्यवहार पर छात्राओं को पहले से था शक
पीड़ित छात्राओं ने बताया कि शिक्षक कक्षा के दौरान आपत्तिजनक तरीके से छूता था और अकेले में बात करने के बहाने बुलाता था। कुछ छात्राएं घबराई हुई थीं, लेकिन जब उन्होंने एक-दूसरे से साझा किया तो पता चला कि सभी के साथ ऐसा हो रहा है।
शिकायत करने के बाद बच्चियों के परिजनों ने स्कूल में हंगामा कर दिया और पुलिस बुलानी पड़ी। इसके बाद आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया गया।
प्रशासन ने लिया सख्त एक्शन
शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ने POCSO अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
जांच अधिकारी ने पुष्टि की है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।
Govt school teacher arrested for allegedly sexually harassing 24 students in Himachal’s Sirmaur
Read more at: https://t.co/GYV9wXmSrU#CrimeNews #SexualAssaut #HimachalPradesh
— Mathrubhumi English (@mathrubhumieng) June 24, 2025
स्कूल की लापरवाही भी आई सामने
छात्राओं के अनुसार, यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कभी संज्ञान नहीं लिया। सवाल ये उठता है कि अगर पहले ही कार्रवाई होती तो इतने बच्चे प्रभावित नहीं होते।
जिम्मेदार संस्थानों की चुप्पी कई बार हालात को और गंभीर बना देती है, जैसा हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा है जब ईरान-इज़राइल टकराव में देर से उठाए गए कदमों ने हालात को और बिगाड़ा। हमारी इस रिपोर्ट में पढ़ें कैसे ईरान ने मिसाइल हमलों के बाद युद्धविराम की घोषणा की।
छात्राओं की बहादुरी से सामने आया सच
एक छात्रा ने जब घर जाकर पूरी बात अपनी मां को बताई, तो अन्य छात्राओं से भी बातचीत हुई। तब सभी ने मिलकर साहस दिखाते हुए शिक्षक के खिलाफ आवाज उठाई।
परिवार वालों ने मिलकर स्कूल में जाकर पूरी घटना रखी, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा
घटना के बाद स्कूल के बाहर स्थानीय लोग और परिजन बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। सभी ने तत्काल गिरफ्तारी और कठोर सजा की मांग की।
कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन जानबूझकर मामले को दबा रहा था, ताकि स्कूल की छवि खराब न हो।
बच्चों की सुरक्षा: ज़िम्मेदारी किसकी?
इस घटना ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था कितनी सशक्त है?
कई स्कूलों में CCTV कैमरे नहीं होते, शिकायत पेटी भी बस औपचारिकता होती है।
मंडी जिला शिक्षा अधिकारी ने घोषणा की है कि सभी सरकारी स्कूलों में जल्द ही निगरानी व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी।
POCSO अधिनियम का दायरा और उपयोग
POCSO एक्ट 2012 में बनाया गया था, ताकि बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
इस कानून के तहत आरोपी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
इस मामले में भी पुलिस ने इसी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
समाज की भूमिका और प्रतिक्रिया
घटना के सामने आने के बाद समाजसेवियों और बाल अधिकार संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
मंडी के एक बाल अधिकार कार्यकर्ता ने कहा, “यह घटना बताती है कि बच्चों की आवाज़ सुनना कितना ज़रूरी है। हमें भरोसे का माहौल बनाना होगा।”
क्या कहता है शिक्षा विभाग?
राज्य शिक्षा बोर्ड ने जांच कमेटी गठित की है, जो पूरे स्कूल की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगी।
आरोपी शिक्षक को सेवा से हटाने की सिफारिश भी की जा रही है।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
यह घटना हमें चेताती है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई भी लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है।
समय रहते छात्रों ने साहस दिखाया और शिकायत की, जिससे बड़ा अपराध उजागर हो सका।
अब ज़रूरत है कि शिक्षण संस्थान, प्रशासन और समाज मिलकर ऐसी घटनाओं को दोहरने से रोकें।