Panchayat का नाम सुनते ही दर्शकों के मन में एक simplicity और भावनात्मक जुड़ाव की लहर दौड़ जाती है। पिछले तीन सीजनों ने Phulera गांव को हर दर्शक के दिल में बसा दिया था। ऐसे में Season 4 के आने की घोषणा ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त उत्साह भर दिया।
Trailer ने Manju Devi vs Kranti Devi की राजनीतिक जंग की झलक दिखाई और फैंस को फिर से उसी व्यंग्यात्मक गांव की राजनीति देखने की उम्मीद बंध गई। पर क्या यह सीजन उन उम्मीदों पर खरा उतरा? यही सवाल अब हर viewer के मन में है।
🟦 सीजन 4 में क्या बदला? कहानी में नए मोड़ या पुरानी बातों की दोहराव?
इस बार कहानी की पूरी कमान गांव की पंचायत चुनावों और राजनीति के टकराव पर केंद्रित है। Kranti Devi और Manju Devi के बीच खींचतान और विकास बनाम प्रचार की बहस दर्शकों को शुरुआती कुछ एपिसोड तक बांधती है।
लेकिन जैसे-जैसे एपिसोड बढ़ते हैं, वैसे-वैसे कहानी में दमदार कंटेंट की कमी महसूस होती है। दर्शक महसूस करते हैं कि “अब वो पहले जैसा मज़ा नहीं रहा।”
कई Twitter यूज़र्स ने लिखा कि जहां पहले गांव की सादगी और हास्य व्यंग्य कहानी को जीवंत बनाते थे, अब वहां खाली भावुक संवाद और ज़रूरत से ज्यादा खींचे हुए दृश्य हैं।
🟦 किरदारों की परफॉर्मेंस: क्या Jitendra Kumar ने फिर जीता दिल?
Jitendra Kumar यानी Abhishek Tripathi इस बार भी अपनी उसी शांत, सरल लेकिन जुझारू अफसर वाली छवि में हैं। उनकी एक्टिंग में कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें जो स्क्रिप्ट मिली है वह उतनी स्ट्रॉन्ग नहीं लगती।
Neena Gupta (Manju Devi) की भूमिका इस बार थोड़ी सीमित है। उनके और Kranti Devi के टकराव को सही तरह से स्क्रिप्ट में उभार नहीं मिला।
बाकी कैरेक्टर्स जैसे कि Vikas, Prahlad और Binod भी इस बार ज्यादा प्रभावित नहीं करते। रितु का ट्रैक भी कमजोर सा महसूस होता है।
🟦पंच गायब, ड्रामा हावी – ह्यूमर की कमी पर फैंस ने उठाए सवाल
सबसे ज्यादा शिकायत इस बार हास्य की कमी को लेकर है। पहले के सीजन में जिन हल्के-फुल्के संवादों और दृश्य से हंसी आती थी, वो इस बार कहीं खो गया है।
Twitter पर एक यूज़र लिखते हैं:
“Panchayat Season 4 feels too heavy, missing its soul – the light humour and effortless storytelling.”
OTTplay की रिपोर्ट में लिखा गया कि कई फैंस ने इसे “emotionally loaded but sluggish” बताया। RepublicWorld ने इसे mixed reactions वाला सीजन करार दिया।
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार Panchayat अपने ही सेट स्टैंडर्ड्स से पीछे रह गया है।
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🟦 तकनीकी पक्ष और निर्देशन – निर्देशन की दिशा भटकी?
निर्देशक Deepak Kumar Mishra ने फिर वही वातावरण बनाने की कोशिश की, लेकिन स्क्रिप्ट और एडिटिंग में कमी के कारण scenes unnecessarily dragged लगते हैं। कई बार कहानी वहीं घूमती लगती है जहां पिछले सीजन ने छोड़ा था।
Background score सही है, लेकिन उसे भी कई जगह ज़्यादा भावुक बनाने की कोशिश की गई है। Cinematography average रही, और नया कुछ देखने को नहीं मिला।
🟦 दर्शकों की प्रतिक्रिया – क्या फुलेरा से टूटा रिश्ता?
Twitter और Reddit जैसे प्लेटफॉर्म पर mixed reactions देखने को मिले। जहां कुछ फैंस ने nostalgia के लिए इसे देखा, वहीं कईयों ने कहा:
“This isn’t the Panchayat we loved. Too much politics, less connection.“
OTTplay और TOI जैसी वेबसाइट्स ने इसे भावनात्मक, लेकिन धीमा करार दिया। कई जगह ये भी कहा गया कि show में signature satirical humour की जगह भारी संवाद और repeat ideas हावी हो गए।
Just finished watching #PanchayatSeason4. Phulera politics has fully taken over the vibe. Lauki vs pressure cooker, samose diplomacy, and full desi-style election tamasha.
The charm of old seasons is there… but only in flashes. Kabhi hasi aayi, kabhi laga yeh thoda zyada… pic.twitter.com/5Bmy5ueDN9
— Yash Tiwari (@DrYashTiwari) June 24, 2025
🟦आगे क्या? क्या Panchayat Season 5 आएगा?
सीजन का अंत कुछ हद तक खुला रखा गया है। Kranti Devi और Abhishek के बीच की tension आगे बढ़ सकती है, लेकिन makers ने कोई strong cliffhanger नहीं छोड़ा है।
Fans भी अब पूछ रहे हैं – “क्या आगे कुछ नया होगा या फिर वही पुराना political conflict?”
अगर Season 5 आता है, तो दर्शकों को उम्मीद होगी कि show अपनी original simplicity और charm को फिर वापस लाए।
🟦 देखना चाहिए या छोड़ देना चाहिए?
अगर आप Panchayat के पुराने फैन हैं और nostalgia के लिए देखना चाहते हैं तो Season 4 को एक बार जरूर ट्राय कर सकते हैं। लेकिन अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि ये सीजन Season 1 या 2 जैसा असर डालेगा, तो हो सकता है आप निराश हो जाएं।
Show की acting, backdrop और emotion तो सही हैं, लेकिन pace, depth और humour में भारी कमी नजर आती है।
🟦आपकी राय क्या है?
क्या आपको भी लगा कि पंचायत का ये सीजन पहले जैसा नहीं रहा? या आपने इसमें कुछ नया महसूस किया?
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