भारी बारिश और रास्तों के क्षतिग्रस्त होने के कारण 17 जुलाई 2025 को अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल दोनों बेस कैंपों से एक दिन के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया। सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया ताकि श्रद्धालुओं की जान-माल को कोई खतरा न हो।
कहाँ-कहाँ से यात्रा स्थगित हुई? पहलगाम और बालटाल दोनों प्रभावित
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अमरनाथ यात्रा को दोनों प्रमुख मार्गों — पहलगाम और बालटाल — से एक दिन के लिए रोक दिया गया है।
- पहलगाम रूट से चढ़ाई करने वाले यात्रियों को नुनवान बेस कैंप पर ही रोका गया।
- वहीं बालटाल मार्ग से यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को डोमेल बेस कैंप पर रोक कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से यात्रा को स्थगित कर श्रद्धालुओं को सूचना दी और उनके लिए राहत और ठहराव की वैकल्पिक व्यवस्था की।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया: ‘हम समझते हैं, लेकिन यात्रा का बेसब्री से इंतजार’
यात्रा स्थगन की खबर से कुछ श्रद्धालु निराश जरूर हुए, लेकिन अधिकांश ने इसे सुरक्षा के लिहाज से उचित कदम माना।
राजस्थान से आए रमेश शर्मा ने कहा, “हम आस्था से आए हैं और भगवान की मर्जी है। अगर मौसम ठीक नहीं है, तो इंतजार कर लेंगे।”
कई श्रद्धालु जो पिछले एक-दो दिनों से कैंप में थे, उन्हें अधिकारियों द्वारा पानी, चाय, कंबल और मोबाइल चार्जिंग की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं।
Heavy Mud sliding near Railpathri in Baltal during ongoing Amarnath Yatra.
Amarnath Yatra suspended for a day from Pahalgam and Baltal Due To Continous Heavy Rainfall#JammuKashmir #Shrinagar #landslide #AmarnathYatra2025 #Baltal pic.twitter.com/1OaaW90oLZ
— Ravi Pandey🇮🇳 (@ravipandey2643) July 17, 2025
भारी बारिश और ट्रैक डैमेज: असली वजह यही रही
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि 16 और 17 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
- बालटाल रूट पर कुछ हिस्सों में भूस्खलन हुआ है, जिससे रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया।
- पहलगाम मार्ग में भी फिसलन बढ़ने और पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आईं।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा पर रोक लगाई गई ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो।
प्रशासन और श्राइन बोर्ड की तेजी से कार्रवाई
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने यात्रा को रोकने का आदेश जारी करने के साथ ही,
- यात्रियों को कैंपों में ही रोकने के निर्देश दिए
- सभी DC, SSP और राहत कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा
- SMS और लाउडस्पीकर के जरिए यात्रियों को सूचित किया गया
ITBP, CRPF और स्थानीय पुलिस के जवान भी जगह-जगह तैनात किए गए ताकि भीड़ नियंत्रण और राहत कार्य ठीक से हो सके।
श्रद्धालुओं के लिए जरूरी दिशा-निर्देश: सुरक्षित यात्रा का रखें ध्यान
- Shrine Board की वेबसाइट (https://jksasb.nic.in) पर यात्रा से पहले अपडेट जरूर जांचें।
- हेल्पलाइन नंबर: 0194-2313146, 0194-2313147
- मौसम खराब होने की स्थिति में यात्रा न करें
- किसी भी अनाधिकारिक ट्रैवल एजेंसी से यात्रा न बुक करें
- सरकारी शिविरों और सूचना केंद्रों से ही मार्गदर्शन लें
अमरनाथ यात्रा: आस्था और श्रद्धा का संगम
अमरनाथ यात्रा हर साल गुरुपूर्णिमा से रक्षाबंधन तक चलती है और बाबा बर्फानी के दर्शन करने लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचते हैं।
- गुफा तक पहुंचने के लिए बालटाल से 14 किमी और पहलगाम से लगभग 36 किमी की यात्रा करनी होती है।
- इस वर्ष अब तक 1.8 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
आगे क्या? यात्रा बहाली की संभावना और मौसम का हाल
प्रशासन ने संकेत दिया है कि मौसम ठीक होते ही यात्रा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
- मौसम विभाग के अनुसार, 18 जुलाई के बाद मौसम में सुधार की संभावना है।
- रास्तों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है और जैसे ही सुरक्षा की पुष्टि होगी, यात्रा बहाल कर दी जाएगी।
सावधानी से ही सुरक्षा संभव: प्रशासन की अपील
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी माध्यमों से मिली सूचना को ही मानें।
यात्रा के दौरान कोई भी आपात स्थिति आने पर नजदीकी सुरक्षा कर्मी या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
पुरी रथ यात्रा जैसी स्थिति से बचना जरूरी है
हाल ही में पुरी रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते एक अफरा-तफरी की स्थिति बनी थी जिसमें कई श्रद्धालु घायल हुए।
भीड़ नियंत्रण और समय रहते रोकथाम जैसे निर्णय इस तरह की घटनाओं से बचाव में सहायक होते हैं।
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यात्रा रोकी गई, लेकिन आस्था अडिग है
भले ही अमरनाथ यात्रा आज स्थगित की गई हो, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और प्रशासन की सतर्कता दोनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि सुरक्षा सर्वोपरि है।
जैसे ही मौसम अनुमति देगा, यात्रा फिर से शुरू की जाएगी और श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।