भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं का दौर एक बार फिर तेज़ हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तेलंगाना के लिए रेड अलर्ट और पश्चिम बंगाल, बिहार व आंध्र प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से सक्रिय चक्रवाती प्रणाली ‘मोंथा’ (Montha) के प्रभाव से दक्षिण और पूर्व भारत के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी है।
🌩️ तेलंगाना में रेड अलर्ट: लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित
तेलंगाना के कई जिलों में पिछले 48 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है।
हैदराबाद, वारंगल, खम्मम, हनमकोंडा, करीमनगर और नलगोंडा जिलों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अगले 24 घंटे तक अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के मध्य और उत्तरी हिस्सों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा (more than 115 mm) दर्ज की जा सकती है।
प्रशासन ने निचले इलाकों से अब तक 1200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, वहीं कई स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित कर दी गई हैं।
Daily Weather Briefing English (29.10.2025)
Extremely heavy rainfall likely over Telangana and very heavy rainfall over Coastal Andhra Pradesh & Yanam, Rayalaseema, Vidarbha, Saurashtra & Kutch and Marathwada today.
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🌊 चक्रवात मोंथा का असर: आंध्र प्रदेश और तटीय इलाकों में तेज़ हवाएँ
आंध्र प्रदेश में भी चक्रवात मोंथा (Cyclone Montha) का असर अब भी जारी है।
विशेषकर उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में बारिश के साथ 60–70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना जताई गई है।
विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम और विजयवाड़ा के तटीय इलाकों में समुद्र उफान पर है।
यहाँ उल्लेखनीय है कि हाल ही में Cyclone Montha major rainfall activity in North Coastal Andhra Pradesh के कारण राज्य में जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा था।
अब एक बार फिर उसी प्रणाली के अवशेष बारिश को बढ़ा रहे हैं।
आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी है और स्थानीय प्रशासन को राहत दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
☔ बिहार और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की संभावना
पूर्वी भारत के राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल में भी मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल गया है।
IMD ने इन राज्यों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सिलीगुड़ी जैसे इलाकों में अगले 24 से 48 घंटे तक तेज़ बारिश जारी रह सकती है।
गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई गई है।
पश्चिम बंगाल में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिलों में भी लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश धान की फसल के लिए मिश्रित प्रभाव छोड़ सकती है —
जहाँ नमी फसलों को फायदा पहुंचा सकती है, वहीं लगातार जलभराव नुकसानदेह भी साबित हो सकता है।
⚡ रेल और सड़क यातायात पर पड़ा असर
लगातार हो रही वर्षा के कारण कई राज्यों में सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पानी भर गया है, जिससे वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 8 से अधिक ट्रेनों का रूट डायवर्ट या कैंसल किया गया है।
रेलवे विभाग ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
हवाई उड़ानों पर अभी कोई बड़ा असर नहीं पड़ा, लेकिन कई फ्लाइट्स में देरी की खबरें मिली हैं।
🏠 प्रशासन की तैयारियाँ और राहत कार्य
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में NDRF की टीमें सक्रिय मोड में हैं।
बचाव कार्यों के लिए नावें, रेस्क्यू वाहन और राहत सामग्री पहले से तैनात कर दी गई है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर सभी जिला अधिकारियों को हालात पर नज़र रखने और ज़रूरत पड़ने पर स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित करने का आदेश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण रोकथाम के उपायों के लिए सतर्क किया गया है।
🌦️ अगले कुछ दिनों का मौसम पूर्वानुमान
IMD के अनुसार, आने वाले 3–4 दिनों तक दक्षिण और पूर्व भारत के कई हिस्सों में बारिश जारी रहेगी।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कुछ इलाकों में भारी वर्षा का सिलसिला शुक्रवार तक रह सकता है।
इसके बाद धीरे-धीरे मौसम में सुधार की उम्मीद है।
उत्तर भारत में इस बीच तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जा रही है, जबकि पश्चिमी राज्यों में मौसम सामान्य बना रहेगा।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मोंथा चक्रवात के अवशेष बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ते हुए पूर्वोत्तर राज्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
असम, मेघालय और मणिपुर में भी आने वाले दिनों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
🚨 नागरिकों के लिए सावधानियाँ
मौसम विभाग ने आम जनता से आग्रह किया है कि वे अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें।
साथ ही, कुछ मुख्य सावधानियाँ भी बताई गई हैं:
- निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें और आवश्यकता होने पर ऊँचे स्थानों पर चले जाएँ।
- विद्युत तारों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें।
- भारी बारिश के समय वाहन चलाते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतें।
- बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दें।
- मोबाइल पर आने वाले IMD या जिला प्रशासन के अलर्ट को गंभीरता से लें।
📊 विशेषज्ञों की राय: जल प्रबंधन और शहरी योजना की आवश्यकता
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, देश में बार-बार होने वाली अत्यधिक वर्षा की घटनाएँ अब सामान्य हो चुकी हैं।
इसलिए राज्यों को जल निकासी प्रणाली और शहरी नियोजन को और मज़बूत करने की आवश्यकता है।
हैदराबाद, पटना और कोलकाता जैसे शहरों में जलभराव से निपटने के लिए पुराने ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करना बेहद ज़रूरी है।
अगर समय रहते व्यवस्था न सुधारी गई, तो हर साल बारिश का यही संकट दोहराया जाएगा।
🌧️सतर्कता ही सुरक्षा
देश के कई हिस्सों में फिलहाल मूसलाधार बारिश और चक्रवाती प्रभाव से स्थिति गंभीर बनी हुई है।
तेलंगाना में रेड अलर्ट, और बिहार, पश्चिम बंगाल व आंध्र प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी इस बात का संकेत है कि
आने वाले कुछ दिन प्रशासन और जनता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेंगे।
लोगों को सतर्क रहने, प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सहयोग और संयम ही सबसे बड़ा हथियार है।




















