पंजाब पुलिस के सीनियर अफसर पर एक और गंभीर आरोप
पंजाब पुलिस के निलंबित उप महानिरीक्षक (DIG) हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है। यह केस आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति इकट्ठी की।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, भुल्लर की संपत्ति और बैंक लेनदेन की गहन जांच चल रही है। शुरुआती रिपोर्ट में अघोषित निवेश, कीमती गाड़ियां, नकद जमा और महंगे उपहारों के संकेत मिले हैं।
भुल्लर पहले से ही एक व्हाट्सएप रिश्वतखोरी मामले में जांच का सामना कर रहे हैं, जिसमें उन पर एक कारोबारी से रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। उसी सिलसिले में अब सीबीआई ने उनकी वित्तीय गतिविधियों पर भी नज़र गड़ा दी है।
CBI has registered a case of disproportionate assets against the then-suspended IPS officer Harcharan Singh Bhullar. CBI had arrested Bhullar while allegedly taking a bribe of Rs 5 lakhs. However, during subsequent searches, CBI recovered Rs 7.5 crores cash, 2.5 kg gold…
— ANI (@ANI) October 29, 2025
जांच का दायरा बढ़ा, बैंक खातों और संपत्तियों की खंगाली जा रही है
सीबीआई की टीम ने भुल्लर के लुधियाना, जालंधर और चंडीगढ़ स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है। एजेंसी को शक है कि उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों और कुछ व्यापारिक साथियों के नाम पर भी संपत्तियां खरीदी हैं।
जांच में सामने आया है कि भुल्लर के बैंक खातों में कई संदिग्ध लेनदेन हुए हैं जिनका कोई वैध स्रोत नहीं मिला। एजेंसी अब इन खातों से जुड़े ‘बेनामी’ ट्रांजैक्शनों की पड़ताल कर रही है।
सीबीआई ने पंजाब के वित्तीय इंटेलिजेंस यूनिट और आयकर विभाग से भी सहयोग मांगा है ताकि लेनदेन के स्रोतों की सटीक पहचान हो सके।
इससे पहले भी भुल्लर को रिश्वतखोरी के एक मामले में निलंबित किया गया था। अब आय से अधिक संपत्ति का मामला उनके लिए और मुश्किलें बढ़ा सकता है।
पहले भी विवादों में रहा है नाम, देखें पूरा रिश्वतखोरी मामला
यह पहला मौका नहीं है जब हरचरण सिंह भुल्लर का नाम विवादों में आया हो। कुछ महीने पहले वे व्हाट्सएप चैट के जरिए रिश्वत मांगने के आरोप में चर्चा में थे।
उस वक्त का पूरा मामला आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं 👉 पंजाब DIG हरचरण सिंह भुल्लर व्हाट्सएप रिश्वतखोरी केस
उस मामले में भुल्लर पर आरोप था कि उन्होंने एक मध्यस्थ के माध्यम से पैसे की मांग की थी। अब CBI ने इस केस की भी फाइलें खोल दी हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वही रिश्वत की रकम उनकी संपत्ति बढ़ाने में इस्तेमाल हुई।
CBI के एक अधिकारी के मुताबिक, जांच में कई डिजिटल सबूत जुटाए गए हैं जिनसे यह साबित होता है कि भुल्लर और कुछ निजी व्यक्तियों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विपक्ष के आरोप
भुल्लर के खिलाफ केस दर्ज होते ही पंजाब की राजनीति फिर से गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि इतने बड़े अफसर के खिलाफ कार्रवाई में देरी क्यों हुई।
वहीं, आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि “किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।”
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इसे पंजाब पुलिस में फैले “सिस्टमेटिक करप्शन” का उदाहरण बताया है।
विपक्षी नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि “यह केस सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासन की जवाबदेही का सवाल है।”
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि आने वाले समय में अन्य अफसरों पर भी CBI की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि जांच में कई नए नाम सामने आए हैं।
CBI arrests Punjab Police DIG (2009 batch IPS officer) & a private individual in an ₹8 lakh bribery case to be produced tmwr in the court.
CBI trap leads to recovery of:
💰 ~₹5 crore cash
💎 1.5 kg jewellery
🚗 Keys of Mercedes & Audi
⌚ 22 luxury watches
🧾 Property papers,… https://t.co/0hfKVRb4sZ pic.twitter.com/B4hzs8uhO0— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) October 16, 2025
सीबीआई की अगली कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया
सीबीआई ने अब इस मामले में भुल्लर के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच तेज कर दी है। एजेंसी ने कोर्ट से आदेश लेकर उनकी संपत्तियों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर भुल्लर दोषी पाए गए, तो उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला चल सकता है, जिसमें 7 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
CBI की टीम अब भुल्लर के ईमेल, मोबाइल डेटा और विदेशी खातों की भी जांच कर रही है। इससे पहले के केस में मिले मोबाइल डेटा से कई वरिष्ठ अफसरों के संपर्क का भी पता चला था।
यह भी जांच की जा रही है कि क्या भुल्लर ने किसी राजनीतिक संरक्षण का लाभ उठाया या नहीं।
जनता की राय: पुलिस सिस्टम पर भरोसे की परीक्षा
सोशल मीडिया और आम नागरिकों के बीच इस मामले को लेकर काफी चर्चा है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर इतने वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह के आरोप लग सकते हैं, तो आम पुलिसकर्मी से क्या उम्मीद की जाए।
कई नागरिकों ने यह भी कहा कि सीबीआई की निष्पक्ष जांच ही सच्चाई सामने लाएगी। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि पंजाब पुलिस को अपने अफसरों की जवाबदेही तय करनी होगी ताकि जनता का भरोसा बना रहे।
इस केस ने लोगों के बीच यह बहस भी छेड़ दी है कि भ्रष्टाचार के मामलों में “टॉप रैंक” अधिकारियों के लिए भी समान सजा और प्रक्रिया लागू होनी चाहिए।
भविष्य की दिशा: क्या होगी अगली कानूनी चाल
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, सीबीआई अब अटैचमेंट ऑफ प्रॉपर्टी के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। अगर जांच में यह साबित हो गया कि संपत्ति आय से अधिक है, तो वह सरकारी संपत्ति के रूप में जब्त की जा सकती है।
साथ ही, यह केस पंजाब में पुलिस और प्रशासनिक सुधारों की नई बहस को जन्म दे सकता है। सरकार पर अब यह दबाव बढ़ेगा कि वह पुलिस सेवा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करे।
निष्कर्ष
हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की ईमानदारी पर सवाल है। सीबीआई की जांच से यह साफ हो जाएगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेंसियां कितनी मजबूत और स्वतंत्र हैं।
जनता अब इस बात की उम्मीद कर रही है कि इस बार मामला दबाया नहीं जाएगा और सच्चाई सामने आकर न्याय मिलेगा।




















