प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए धार्मिक रूपांतरण से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और मुंबई के कुल 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित मामलों की जांच के अंतर्गत हुए, जिसमें कई फाइनेंशियल और डिजिटल दस्तावेज जब्त किए गए।
यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। जांच में पता चला है कि यह रूपांतरण रैकेट सुनियोजित रूप से संचालित हो रहा था और इससे जुड़ी वित्तीय लेन-देन में भारी गड़बड़ी पाई गई।
ATS और ED की संयुक्त टीम ने बलरामपुर में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर कार्रवाई की, जहां संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं।
Chhangur Baba मामला: रूपांतरण रैकेट की परतें खुलीं
इस केस की शुरुआत धार्मिक रूपांतरण से जुड़ी शिकायतों के बाद हुई, जिसमें बताया गया था कि कुछ व्यक्तियों के जरिए लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट का संचालन करने वाला मुख्य व्यक्ति Jalaluddin है, जो अपने नेटवर्क के ज़रिए अलग-अलग राज्यों में सोच-समझकर योजनाबद्ध रूप से रूपांतरण का अभियान चला रहा था। जांच में सामने आया है कि ये गतिविधियाँ लंबे समय से चल रही थीं, और इस सिलसिले में कई लोगों को आर्थिक मदद भी दी गई थी।
ED को इन गतिविधियों के पीछे संदिग्ध फंडिंग पैटर्न का सुराग मिला, जिससे यह अंदेशा गहराया कि मामला मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ा हो सकता है।
मौलाना छांगुर के ठिकानों पर ED की छापेमारी
छांगुर के 14 ठिकानों पर छापेमारी
बलरामपुर में 12, मुंबई में 2 ठिकानों पर रेड
मुंबई के बांद्रा और माहिम में छापेमारी#Chhangurconversioncase #ChhangurBaba pic.twitter.com/YjeyQ6SYv0— Diksha singh (@DikshaSingh7522) July 17, 2025
जांच के घेरे में कौन-कौन?
अब तक की कार्रवाई में मुख्य रूप से Jalaluddin और उसके सहयोगियों के नाम सामने आए हैं। इन सभी के खिलाफ ठोस डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनमें ईमेल्स, बैंक स्टेटमेंट्स, जमीनों से संबंधित कागजात, और नकद लेन-देन के रिकॉर्ड शामिल हैं।
ED को जांच के दौरान कुछ फर्जी संस्थाओं और कंपनियों की जानकारी भी मिली है, जिनके माध्यम से इन फंड्स को रूट किया गया था।
संदिग्धों के बैंक खातों को ट्रैक किया जा रहा है, और प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार लाखों रुपये की ट्रांजैक्शन बिना सोर्स के दिखाई दे रही है, जो मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत देते हैं।
ईडी की कार्यशैली और कानूनी प्रक्रिया
ED की जांच प्रक्रिया PMLA कानून के तहत संचालित होती है, जिसमें फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) से डेटा एकत्र कर आरोपी के बैंक खातों, जमीन-जायदाद और लेन-देन का विश्लेषण किया जाता है।
ATS की भूमिका इस केस में अहम रही है, जिन्होंने शुरुआती स्तर पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दी थी। इसके बाद ED ने टेक्निकल और फिजिकल सर्विलांस के ज़रिए सबूत इकट्ठे किए।
इस छापेमारी का मकसद न सिर्फ रूपांतरण से जुड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाना है, बल्कि पैसे के अवैध लेन-देन के नेटवर्क को भी तोड़ना है।
छापेमारी से क्या मिला?
14 स्थानों पर हुई छापेमारी में मोबाइल डिवाइस, कंप्यूटर, बैंक पासबुक, चेक बुक, डिजिटल ट्रांजैक्शन रिपोर्ट्स और दस्तावेज़ों के बंडल जब्त किए गए।
ED की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दस्तावेज ऐसे भी हैं जो अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की ओर इशारा करते हैं, जिनकी गहराई से जांच की जा रही है।
छापेमारी के दौरान ED को ऐसे सबूत मिले हैं जो दर्शाते हैं कि कई कंपनियों का इस्तेमाल सिर्फ रूपांतरण और फंड ट्रांसफर के लिए किया गया।
भविष्य की रणनीति और अगला कदम
ED अब Jalaluddin समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। जल्द ही कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है। इसके अलावा ED द्वारा इन लोगों की संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले डिजिटल फोरेंसिक जांच की जा रही है। इसके बाद ही आगे की कानूनी प्रक्रिया चलेगी।
कई मोबाइल नंबर और IP एड्रेस को ट्रेस किया जा रहा है ताकि नेटवर्क के सभी लिंक का पता लगाया जा सके।
निष्कर्ष
Chhangur Baba से जुड़े इस रूपांतरण केस में प्रवर्तन निदेशालय की तेज़ और सटीक कार्रवाई से यह साफ है कि देश में अवैध रूप से चल रहे रूपांतरण रैकेट पर शिकंजा कसा जा रहा है।
इस तरह की कार्रवाई से यह संकेत भी मिलता है कि अब केवल धर्म परिवर्तन ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े वित्तीय तंत्र पर भी एजेंसियाँ पूरी नज़र बनाए हुए हैं।
आपकी राय में क्या इस तरह के मामलों में और सख्त कानून लागू होने चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर साझा करें।