इस्तीफे से मचा सियासी भूचाल
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से चर्चा छेड़ दी है। न कोई पूर्व सूचना, न ही कोई सार्वजनिक कारण – यह कदम न सिर्फ हैरान करने वाला था, बल्कि इसके साथ ही एक नया राजनीतिक विमर्श भी शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाने में देर नहीं की, वहीं आम जनता भी इस घटनाक्रम को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाने में जुट गई है।
धनखड़ का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ था, ऐसे में उनके इस्तीफे ने राजनीतिक समीकरणों को लेकर कई तरह की अटकलों को जन्म दिया है।
पीएम मोदी का पोस्ट और जनता की जिज्ञासा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “उन्हें देश की सेवा का अवसर मिला, यह सौभाग्य की बात है।”
लेकिन इस पोस्ट ने भी कई सवालों को जन्म दे दिया। एक ओर जहां यह एक औपचारिक शिष्टाचार की तरह नजर आया, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसमें छिपे संकेत खोजने शुरू कर दिए। इस पोस्ट में कहीं भी “इस्तीफा”, “विदाई” या “नई जिम्मेदारी” जैसे शब्दों का उल्लेख नहीं था, जिससे लोगों की जिज्ञासा और अधिक बढ़ गई।
क्या यह एक औपचारिक पोस्ट था या संकेतों से भरा कोई संदेश? यही सवाल सोशल मीडिया पर तेजी से तैरता रहा।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: सवालों की झड़ी
कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति पद से इस तरह का इस्तीफा “अभूतपूर्व” है और यह “किसी दबाव या मजबूरी” में लिया गया कदम लगता है।
उनका कहना था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में ‘सेवा के अवसर’ की बात कही, तो क्या वह यह संकेत दे रहे हैं कि यह सेवा अब समाप्त हो गई है? कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम को जानबूझकर रहस्यमय बनाए रखा गया है ताकि असली कारण सामने न आ सके।
हालांकि भाजपा की ओर से इसपर कोई सीधा या कड़ा जवाब नहीं आया, जिससे विपक्ष को और अधिक बोलने का अवसर मिला।
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.
श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2025
बंगाल की प्रतिक्रिया: ममता बनर्जी की शंका
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी और कहा कि, “धनखड़ एक स्वस्थ और सक्रिय व्यक्ति हैं। अगर उन्होंने इस्तीफा दिया है तो इसके पीछे जरूर कोई बड़ा कारण रहा होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद से अचानक इस्तीफा देना सामान्य प्रक्रिया नहीं हो सकती। उनकी टिप्पणी ने यह संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी इस घटनाक्रम को गंभीरता से देखा जा रहा है।
धनखड़ खुद भी बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं और ममता बनर्जी से कई बार राजनीतिक टकराव में आ चुके हैं। इसीलिए उनकी प्रतिक्रिया को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
अब आगे क्या? उपराष्ट्रपति चयन की प्रक्रिया
अब जब उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया है, तो अगला सवाल यह उठता है कि नया उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाएगा? संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चयन एक इलेक्टोरल कॉलेज के ज़रिये होता है, जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करते हैं।
इस प्रक्रिया में राष्ट्रपति की भूमिका नहीं होती, लेकिन यह एक संवैधानिक और गंभीर जिम्मेदारी है। चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करता है और तय समय में नामांकन, छंटनी, मतदान और मतगणना होती है।
👉पूरी चयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें:
जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाया गया: अब आगे चयन प्रक्रिया क्या होगी?
इस लिंक में विस्तार से समझाया गया है कि किस तरह से नया उपराष्ट्रपति भारत में चुना जाता है और इसमें कौन-कौन शामिल होते हैं।
सोशल मीडिया की हलचल: जनता क्या कह रही है
जैसे ही धनखड़ के इस्तीफे की खबर फैली, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। X (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोगों ने अपनी राय साझा की। कुछ ने आश्चर्य जताया, कुछ ने चिंता व्यक्त की, तो कुछ ने हल्के-फुल्के मीम्स के माध्यम से तंज भी कसे।
एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “धनखड़ जी ने इस्तीफा क्यों दिया, यह अब तक रहस्य है।” वहीं दूसरे ने कहा, “लगता है कुछ बड़ा होने वाला है।”
हालांकि अधिकतर प्रतिक्रियाएं शांति और संयम से भरी थीं, जो दिखाता है कि लोग इस विषय को गंभीरता से ले रहे हैं।
Modi gave an Emotional Farewell to Congress leader Ghulam Nabi Azad, but forced Vice President Jagdeep Dhankhar to Resign & go without Protocol
All because he wanted discussion on Op Sindoor, claims of Trump & Impeachment of Corrupt Judges 😶
— 🐧 (@DrJain21) July 23, 2025
इस्तीफा या रणनीति?
इस पूरे घटनाक्रम को देखकर यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या धनखड़ का इस्तीफा एक व्यक्तिगत निर्णय था या इसके पीछे कोई राजनीतिक रणनीति छुपी हुई है? पीएम मोदी का पोस्ट इस पर प्रकाश नहीं डालता, और कांग्रेस के सवाल इसे और रहस्यमय बना देते हैं।
फिलहाल स्पष्टता की कमी है, और जब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आता, यह मुद्दा अटकलों और चर्चाओं का विषय बना रहेगा।
राजनीति में समय से पहले लिए गए निर्णय कई बार आने वाले बड़े बदलावों की ओर इशारा करते हैं। क्या यही इस बार भी हो रहा है? या यह एक सामान्य प्रशासनिक कदम है?
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