PM नरेंद्र मोदी आज, 30 अप्रैल 2025 को एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हमले में एक जवान शहीद हुआ और कई घायल हुए, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हुई है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री ने शीर्ष स्तरीय बैठक बुलाई हो। इससे पहले 2016 में उरी हमले के बाद हुई बैठक के तुरंत बाद भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, और 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुई बैठक के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। दोनों ही घटनाएं भारत की आतंकवाद के खिलाफ बदलती रणनीति को दर्शाती हैं।
बैठक में कौन-कौन हो रहे हैं शामिल?
इस बैठक में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS), कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) के सदस्य शामिल हो रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसे वरिष्ठ नेता बैठक में भाग ले रहे हैं। यह वही टीम है जिसने 2024 में चीन सीमा पर हुई झड़पों के दौरान भी रणनीतिक निर्णय लिए थे।
बैठक के मुख्य मुद्दे
बैठक के संभावित एजेंडे में सबसे प्रमुख मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। पहलगाम में हुए हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को लेकर फिर से चिंता बढ़ी है। विशेष रूप से यह हमला ऐसे समय हुआ है जब केंद्र सरकार ने घाटी में निवेश और विकास की कई नई योजनाएं शुरू की हैं।
इसके अलावा, सीमापार से हो रहे हमलों और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार अब सख्त सैन्य कार्रवाई पर विचार कर सकती है। कूटनीतिक स्तर पर भी भारत लगातार यह रुख अपनाता रहा है कि आतंकवाद के मसले पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
बैठक में संवेदनशील राज्यों, खासकर उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों से पहले की सुरक्षा तैयारियों पर भी चर्चा हो सकती है। वर्ष 2025 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, और अतीत में देखा गया है कि ऐसे समय में सुरक्षा विषयों को प्राथमिकता दी जाती है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हाल ही में लगातार चौथे दिन संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। ऐसे में इस बैठक में पाकिस्तान को जवाब देने के संभावित तरीकों पर भी मंथन हो सकता है।
🚨 BIG BREAKING NEWS
PM Modi to chair a crucial Cabinet Committee on Security (CCS) meet tomorrow at 11 AM — second meeting after the Pahalgam attack.
— CCS: PM Modi, HM Shah, RM Rajnath, EAM Jaishankar, FM Sitharaman, NSA Doval & top brass.
— India will AVENGE Pahalgam!… pic.twitter.com/WyLAvemBJT— Omprakash Pandey 🕉️ (@OmprakP3015) April 29, 2025
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति: सख्ती या संयम?
भारत की आतंकी घटनाओं पर प्रतिक्रिया अब पहले जैसी नहीं रही। उरी और पुलवामा हमलों के बाद जो बदला लेने की नीति अपनाई गई थी, उसने भारत की छवि एक निर्णायक राष्ट्र के रूप में बनाई। इसी नीति के चलते पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को व्यापक समर्थन मिला।
हाल में पाकिस्तान की ओर से लगातार चौथे दिन सीज़फायर का उल्लंघन किया गया है। इससे पहले भी पाकिस्तान की ओर से LoC के पास आतंकी घुसपैठ की कई कोशिशें की गई थीं। इन घटनाओं को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि भारत फिर से सीमापार कार्रवाई के विकल्प पर विचार कर सकता है।
क्या यह बैठक चुनावी रणनीति से भी जुड़ी है?
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो यह बैठक सिर्फ एक सुरक्षा समीक्षा भर नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी की “मजबूत नेतृत्व” की छवि हमेशा से भाजपा के चुनावी नैरेटिव का हिस्सा रही है। 2019 के आम चुनाव में पुलवामा हमले और बालाकोट स्ट्राइक को लेकर किए गए भाषणों और रैलियों में यह प्रमुख रूप से उभरा था।
अब जब 2025 के लोकसभा चुनाव करीब हैं, तो भाजपा फिर से सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे को चुनावी विमर्श में शामिल कर सकती है। ऐसे में इस बैठक में लिए गए निर्णयों का असर सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा पर नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरणों पर भी पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भारत की रणनीति
पहलवान हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने न केवल हमले की निंदा की, बल्कि भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का भी समर्थन किया। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को मिलने वाला समर्थन दर्शाता है, जैसा कि बालाकोट स्ट्राइक के बाद भी देखा गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में किसी प्रकार की कोताही नहीं करेगा। इस वक्त भारत जिस अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक समर्थन का लाभ उठा सकता है, वह निर्णय प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकता है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #ModiCabinetMeet ट्रेंड कर रहा है। देश भर से लोग सुरक्षा बलों के लिए सख्त कदम की मांग कर रहे हैं। इसी बीच देशवासियों की भावनाओं को देखते हुए SRH और MI के खिलाड़ी काले बाजूबंद पहनकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि देंगे — जिससे स्पष्ट है कि यह केवल सरकार या सेना का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है।
आज IPL में सनराइज़र्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों ने काले बाजूबंद पहनकर हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। इससे यह साफ है कि आतंकवाद का यह मामला केवल सैन्य या राजनीतिक मसला नहीं, बल्कि पूरे देश की एकजुटता का प्रतीक बन चुका है।
क्या निकल सकता है इस बैठक से?
सरकार इस बैठक के जरिए कई संभावित निर्णय ले सकती है:
- जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करना
- सीमापार कार्रवाई के विकल्पों की समीक्षा
- चुनावी राज्यों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
- साइबर और AI आधारित निगरानी तंत्र को अपग्रेड करना
- पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बढ़ाना
इन कदमों के ज़रिए भारत यह संदेश देना चाहेगा कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा में सक्षम है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी दृढ़ नीतियों वाला राष्ट्र है।
निष्कर्ष: क्या यह बैठक निर्णायक मोड़ ला सकती है?
देश की जनता अब प्रतीकात्मक बयानों से आगे ठोस नतीजों की उम्मीद कर रही है। आज की बैठक में जो निर्णय लिए जाएंगे, वे आने वाले वर्षों की भारत की सुरक्षा नीति, विदेश नीति और आंतरिक रणनीति का मार्गदर्शन करेंगे। इस बार सरकार के सामने केवल एक आतंकी घटना की प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि पूरे देश की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है।
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