उत्तर प्रदेश हाल के वर्षों में भारत का सबसे तेजी से उभरता हुआ निवेश गंतव्य बन गया है। औद्योगिक नीतियों, मजबूत आधारभूत संरचना और प्रो-इन्वेस्टमेंट माहौल ने इसे न केवल देश के निवेशकों बल्कि विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का भी आकर्षण बना दिया है। इसी कड़ी में मॉरीशस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल लखनऊ पहुँचा। इस दौरे का उद्देश्य राज्य में व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग की नई संभावनाओं को तलाशना था।
भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंध सदियों पुराने हैं। भारतीय मूल के लोग मॉरीशस की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते बेहद मजबूत हैं।
प्रतिनिधिमंडल का आगमन और स्वागत
लखनऊ एयरपोर्ट पर मॉरीशस से आए व्यापारिक और सरकारी अधिकारियों का उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों, उद्योग विभाग के प्रतिनिधियों और निवेश प्राधिकरण के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। दल में उद्योग, पर्यटन, कृषि, ऊर्जा और तकनीक से जुड़े कई प्रमुख उद्यमी और नीति-निर्माता शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने आगमन के तुरंत बाद लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया और यूपी की सांस्कृतिक विविधता से प्रभावित दिखा। इसने बातचीत के माहौल को और सकारात्मक बनाया।
Earlier today, welcomed Prime Minister Dr. Navinchandra Ramgoolam to Varanasi. His coming to Kashi becomes even more special considering the cultural significance of this city and the strong cultural linkages between India and Mauritius. We reviewed all aspects of bilateral… pic.twitter.com/87wh9cG2BV
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विशेष बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर प्रतिनिधिमंडल से विस्तृत चर्चा की। बैठक में राज्य की नई औद्योगिक नीति, निवेश-अनुकूल माहौल, लॉजिस्टिक्स हब और तीव्र इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जानकारी साझा की गई।
सीएम योगी ने बताया कि किस तरह राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की और लाखों निजी रोजगार के अवसर भी सृजित किए हैं।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: उत्तर प्रदेश में आठ लाख से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट विदेशी निवेशकों को सुरक्षित और लाभदायक अवसर प्रदान करते हैं।
निवेश रोडमैप पर गहन चर्चा
बैठक में दोनों पक्षों ने मिलकर निवेश रोडमैप तैयार करने पर विचार किया।
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ग्रीन एनर्जी और सौर ऊर्जा परियोजनाएं: मॉरीशस ने यूपी में बढ़ते सोलर पावर सेक्टर की सराहना की और इसमें निवेश की इच्छा जताई।
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औद्योगिक गलियारे और स्मार्ट सिटी विकास: यूपी में तेजी से विकसित हो रही स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर संयुक्त कार्य की संभावनाएँ देखी गईं।
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स्टार्टअप और टेक हब: प्रतिनिधिमंडल ने स्टार्टअप नीति, इनक्यूबेशन सेंटर और वेंचर कैपिटल फंडिंग में साझेदारी पर चर्चा की।
इन वार्ताओं के दौरान राज्य सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना की भी जानकारी दी, जो मॉरीशस के छोटे और मध्यम उद्यमों को यूपी के स्थानीय उत्पादों से जोड़ सकती है।
पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग
मॉरीशस और भारत का रिश्ता सांस्कृतिक विरासत से गहराई से जुड़ा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि काशी, अयोध्या, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों में पर्यटन निवेश दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा।
धार्मिक पर्यटन, इको-टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मॉरीशस के पर्यटन मंत्रालय ने संयुक्त मार्केटिंग योजनाओं का प्रस्ताव रखा। यह पहल न केवल धार्मिक स्थलों को वैश्विक पहचान देगी बल्कि स्थानीय रोजगार में भी वृद्धि करेगी।
#WATCH | Varanasi, UP: Mauritius PM Dr. Navinchandra Ramgoolam says, “…I also want to thank you, Prime Minister and your government for the generous courtesy that has been extended to us, to my delegation since our arrival. On our landing in Varanasi, both my wife and I were… pic.twitter.com/YlupvzS4LX
— ANI (@ANI) September 11, 2025
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
उत्तर प्रदेश भारत का कृषि प्रधान राज्य है। गन्ना, गेहूं, चावल और दालों का उत्पादन इसे खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात के लिए आदर्श बनाता है।
मॉरीशस की कंपनियों ने विशेष रूप से गन्ना और चीनी उद्योग, जैविक खेती, कोल्ड स्टोरेज चेन और फूड प्रोसेसिंग पार्क में निवेश की रुचि दिखाई।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्ताव रखा कि मॉरीशस अपने एग्रो-प्रोसेसिंग अनुभव को यूपी की नई कृषि नीतियों से जोड़कर एक साझा परियोजना शुरू कर सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय निर्यात और भी आसान होगा।
आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम
नोएडा, कानपुर और लखनऊ का आईटी हब तेज़ी से विकसित हो रहा है। मॉरीशस के उद्यमियों ने फिनटेक, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल सर्विसेज में सहयोग की इच्छा जताई।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि दोनों देशों के स्टार्टअप्स मिलकर नवाचार आधारित समाधान तैयार कर सकते हैं, जो एशिया-अफ्रीका बाजार में प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देंगे।
शिक्षा व कौशल विकास
बैठक में छात्र विनिमय कार्यक्रम, डुअल डिग्री कोर्स और स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने पर भी जोर दिया गया।
यह कदम युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और मॉरीशस के छात्रों को भारतीय तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों से जुड़ने का अवसर देगा।
#WATCH | Varanasi, UP | On the ongoing State visit of Mauritius PM Dr. Navinchandra Ramgoolam, Foreign Secretary Vikram Misri says, “Mauritius PM Dr. Navinchandra Ramgoolam is on an 8-day visit to India. Mauritius is an integral part of our ‘Neighbourhood First’… pic.twitter.com/tIOgHKINDr
— ANI (@ANI) September 11, 2025
स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग
मॉरीशस स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की किफायती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं का लाभ लेना चाहता है। प्रस्तावित योजनाओं में
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मेडिकल टूरिज्म
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टेलीमेडिसिन
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संयुक्त अनुसंधान केंद्र
शामिल हैं, जो दोनों देशों के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती देंगे।
पारस्परिक लाभ और भविष्य की राह
संयुक्त बयान में स्पष्ट किया गया कि यह सहयोग केवल निवेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तकनीकी आदान-प्रदान, कौशल विकास और रोजगार सृजन तक फैलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साझेदारी से उत्तर प्रदेश को वैश्विक सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है।
निष्कर्ष
मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा साबित करता है कि उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेश का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
राज्य सरकार की नीतियाँ, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, विकसित होती परिवहन सुविधाएँ और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।
आप इस सहयोग को कैसे देखते हैं? क्या यह राज्य की अर्थव्यवस्था को और ऊँचाइयों पर ले जाएगा? अपने विचार और सुझाव नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें।