प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के पदों का कथित रूप से दुरुपयोग करते हुए 142 करोड़ रुपये की ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ अर्जित कीं।
ईडी ने अपनी दलील में यह भी कहा कि राहुल गांधी इस पूरे वित्तीय लेन-देन के सीधे लाभार्थी हैं। यह रिपोर्ट दिल्ली की एक अदालत में पेश की गई है, जिससे मामले ने एक बार फिर से राजनीतिक और कानूनी हलकों में गर्मी पैदा कर दी है।
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर ED के आरोप
इंडिया टुडे ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों का एक्सक्लूसिव विवरण हासिल किया है।
👉 https://t.co/521ErC5dS2#NationalHeraldCase #SoniaGandhi #RahulGandhi pic.twitter.com/YmGIVqTCEM— Zeehulchul (@Zeehulchulnews) May 22, 2025
📚 नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?
इस केस की जड़ें जुड़ी हैं Associated Journals Limited (AJL) से, जो कभी नेहरू-गांधी परिवार द्वारा शुरू किए गए समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ का प्रकाशक था। बाद में, यह कंपनी वित्तीय संकट में आ गई, और कांग्रेस ने इसे 90 करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया।
फिर Young Indian Pvt Ltd नाम की एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी निदेशक बने। Young Indian ने AJL का स्वामित्व ले लिया, जिससे कर्ज की राशि और संपत्तियों पर अधिकार आ गया।
🧾सोनिया गांधी की भूमिका और जिम्मेदारी -ED का आरोप
ED की रिपोर्ट के अनुसार, सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष रहते हुए Young Indian के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से दिए गए 90 करोड़ रुपये का कोई उचित लेखा-जोखा नहीं मिला।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि यह राशि “राजनीतिक उद्देश्य” के नाम पर दी गई थी, लेकिन उसका उपयोग एक निजी संस्था को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
Prima facie corruption of Sonia Gandhi & Rahul Gandhi!
The Enforcement Directorate has dropped a legal bombshell in the National Herald scam — and the details are damning:
– Sonia & Rahul Gandhi directly enjoyed Rs 142 crore in proceeds of crime.
– Properties linked to… pic.twitter.com/OdHxumf2yy
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) May 21, 2025
💰 राहुल गांधी को बताया गया है प्रत्यक्ष लाभार्थी
ED के अनुसार राहुल गांधी इस पूरे लेन-देन में प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए। उन्हें Young Indian में अहम हिस्सेदारी मिली, जिससे उन्हें लगभग ₹52 करोड़ की ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ का लाभ मिला।
रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी Young Indian के निदेशक थे और AJL की संपत्ति पर नियंत्रण पाने के लिए सक्रिय रूप से शामिल थे।
👉 हाल ही में उन्होंने जाति जनगणना की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा था कि सामाजिक न्याय के लिए हक की लड़ाई जरूरी है, जो उनकी राजनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
राहुल गांधी को ED ने ₹52 करोड़ की अवैध आमदनी का मुख्य लाभार्थी बताया।
🚨🇮🇳 Big claim in National Herald case!
The Enforcement Directorate (ED) alleges Sonia & Rahul Gandhi made a whopping ₹142 crore through financial irregularities. 💰🏛️#NationalHerald #ED #India #Corruptionpic.twitter.com/Qyw309cgJD
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 21, 2025
📂 कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज़ और प्रमाण
ED ने अपनी जांच में जो दस्तावेज़ जुटाए हैं, उनमें वित्तीय लेन-देन, बैंक रिकॉर्ड, कंपनी की निदेशक बैठकों के मिनट्स और Young Indian के रजिस्ट्रेशन से संबंधित विवरण शामिल हैं।
इनमें यह दिखाया गया है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने AJL को आर्थिक मदद देने के बाद Young Indian के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से उस मदद पर नियंत्रण पा लिया।
दस्तावेज़ बताते हैं कि Young Indian के पास AJL की 99% से अधिक हिस्सेदारी थी।
⚖️ मौजूदा कानूनी स्थिति और संभावनाएं
ED की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया आपराधिक साजिश, विश्वासघात, और धनशोधन (Money Laundering) के तहत मामला बनता है। फिलहाल, अदालत ने रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है और मामले की आगामी सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।
इस रिपोर्ट के बाद संभावनाएं जताई जा रही हैं कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी से फिर से पूछताछ हो सकती है, और यदि जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ औपचारिक चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।
ED ने अदालत से केस की अगली प्रक्रिया के लिए मंजूरी मांगी है।
🧠 मामला क्यों है इतना संवेदनशील?
यह केस केवल एक वित्तीय लेन-देन का नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति के केंद्र में बैठे परिवार की नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी का सवाल भी बन गया है। सोनिया और राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ इतने बड़े स्तर पर आरोप लगना खुद में एक बड़ी बात है।
हालांकि, कानूनी प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और अंतिम निष्कर्ष तक पहुँचना बाकी है, लेकिन यह बात साफ है कि ED की रिपोर्ट से राजनीतिक हलचलों में उबाल जरूर आया है।
क्या ED की रिपोर्ट वाकई में ठोस आधार पर टिकी है, या यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है?
क्या Young Indian और AJL का मामला भ्रष्टाचार का उदाहरण है या वित्तीय प्रबंधन की गलती?
आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया इस बहस को और अर्थपूर्ण बना सकती है।