प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई पहुंचे और उन्होंने BKC स्थित जैस्मिन हॉल में WAVES 2025 सम्मेलन का शुभारंभ किया। यह सम्मेलन भारत सरकार द्वारा विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हाल ही में प्रधानमंत्री ने वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी भी की थी, जो उनकी सक्रिय राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी को दर्शाता है। हाल ही में उन्होंने वक्फ कानून पर कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी करते हुए देश में पारदर्शिता और सुधार की बात कही थी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका पारंपरिक स्वागत किया। आयोजन स्थल पर भारत की सांस्कृतिक विरासत और वैज्ञानिक उन्नति की झलक देखने को मिली। यह आयोजन युवा प्रतिभाओं और स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।
WAVES 2025 सम्मेलन का उद्देश्य और वैश्विक महत्व
WAVES 2025 का उद्देश्य विज्ञान, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन नीति आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक, नोबेल पुरस्कार विजेता, टेक्नोलॉजी उद्यमी, नीति निर्माता और शिक्षाविद शामिल हुए।
WAVES का प्रमुख फोकस निम्नलिखित बिंदुओं पर रहा:
- विज्ञान को समाज से जोड़ना
- भारत को विज्ञान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाना
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी में नेतृत्व
- जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के लिए वैज्ञानिक समाधान
- युवाओं को अनुसंधान और स्टार्टअप से जोड़ना
इस सम्मेलन के माध्यम से भारत ने यह संकेत दिया कि वह विज्ञान के क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक निर्माता और लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। सम्मेलन में प्रस्तुत विजन और भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत अब वैश्विक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख भूमिका निभाने को तैयार है।
पीएम मोदी का भाषण: आत्मनिर्भर विज्ञान और समाज से जुड़ा नवाचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण इस सम्मेलन की सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरक घटना रहा। उन्होंने भारत की वैज्ञानिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि “विज्ञान हमेशा से हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है, और अब समय है इसे जन-जन तक पहुँचाने का।”
उनके भाषण के मुख्य बिंदु:
- विज्ञान को जनता के लिए उपयोगी बनाना
- युवाओं को अनुसंधान और नवाचार के लिए प्रेरित करना
- भारत को विज्ञान में उत्पादक बनाने की दिशा में कार्य
- भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक पहचान दिलाना
- वैज्ञानिक शोध को समाज की जरूरतों से जोड़ना
प्रधानमंत्री ने कहा:
“भारत अब विज्ञान और टेक्नोलॉजी में उपभोक्ता नहीं, निर्माता की भूमिका में है। हमें विज्ञान को जनता से जोड़ना है, तभी यह समाज में बदलाव लाएगा।”
उन्होंने AI, क्लाइमेट टेक, डेटा एनालिटिक्स, स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भारत की सफलता और भविष्य की योजनाओं का भी उल्लेख किया। ISRO की उपलब्धियाँ, डिजिटल इंडिया अभियान और रिसर्च फंडिंग को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया।
पीएम ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे समाज की समस्याओं को हल करने के लिए प्रयोगशालाओं की सीमाओं से बाहर निकलें और लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने वाले इनोवेशन करें।
Addressing the @WAVESummitIndia in Mumbai. It highlights India’s creative strengths on a global platform. https://t.co/U4WQ4Ujv8q
— Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2025
WAVES सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख चेहरे और विचार
सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख नाम:
- डॉ. विनोद दत्ता (भारतीय मूल के नोबेल विजेता)
- प्रो. लुईस बर्नार्ड (क्वांटम कंप्यूटिंग विशेषज्ञ, फ्रांस)
- डॉ. मिशेल यू (AI नीति सलाहकार, यूएस)
- नीति आयोग के अध्यक्ष, वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य
इन सभी ने भारत की नवाचार क्षमता की प्रशंसा की और कहा कि भारत वैश्विक विज्ञान में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। डॉ. मिशेल यू ने कहा:
“भारत में जो ऊर्जा और संसाधन विज्ञान के क्षेत्र में दिख रहे हैं, वह किसी भी उभरती शक्ति के लिए उदाहरण है।”
WAVES 2025 में घोषित योजनाएँ और कार्यक्रम
सम्मेलन में कई नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा की गई, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- YUVA-Vigyaan कार्यक्रम: देशभर के स्कूली छात्रों को विज्ञान में रुचि और अनुसंधान के प्रति प्रेरित करने के लिए शुरू किया गया।
- India Tech Gateway: भारतीय स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और निवेश दिलाने वाली पहल।
- National Research Innovation Fund: युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को अनुदान और सहयोग देने के लिए नया फंड स्थापित किया गया।
- WAVES Tech Expo: एक एग्ज़िबिशन जिसमें 100+ स्टार्टअप्स और यूनिवर्सिटीज़ ने अपने नवाचार प्रस्तुत किए।
इन पहलों का उद्देश्य भारत को नवाचार और विज्ञान में आत्मनिर्भर बनाना है और युवाओं को टेक्नोलॉजी आधारित भविष्य के लिए तैयार करना है।
सोशल मीडिया की गूंज और जनता की प्रतिक्रिया
सम्मेलन के दौरान ट्विटर पर हैशटैग #WAVES2025, #ModiInMumbai और #ScienceForSociety ट्रेंड कर रहे थे। इसी दौरान अभिनेत्री नुसरत भरूचा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। कई प्रमुख वैज्ञानिकों और स्टार्टअप संस्थापकों ने पीएम मोदी के भाषण की तारीफ की। इस बीच अभिनेत्री नुसरत भरूचा ने भी पीएम मोदी को धन्यवाद कहा, जो दर्शाता है कि विज्ञान और संस्कृति के बीच भी अब संवाद गहराता जा रहा है।
कुछ प्रतिक्रियाएं:
“पीएम मोदी का विज्ञान को समाज से जोड़ने का विजन प्रेरणादायक है। भारत का भविष्य उज्ज्वल है।” – @InnoTechLab
“WAVES 2025 में दिखी भारत की नेतृत्व क्षमता, यह सम्मेलन इतिहास में दर्ज होगा।” – @SciencePolicyNet
मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन का प्रबंधन
मुंबई पुलिस ने WAVES 2025 के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। BKC क्षेत्र को नो-व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया था। 500 से अधिक सुरक्षाकर्मी, आपातकालीन टीमें और रेस्क्यू यूनिट्स तैनात थीं। आयोजन स्थल के अंदर आधुनिक सुरक्षा उपकरण, स्कैनर और AI आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया गया।
निष्कर्ष
WAVES 2025 सम्मेलन केवल एक वैज्ञानिक इवेंट नहीं, बल्कि भारत की वैज्ञानिक सोच, नीति और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री मोदी के विजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दशकों में भारत न केवल तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक नेतृत्वकर्ता भी होगा।
भारत में हो रहे बदलाव – स्टार्टअप बूम, रिसर्च फंडिंग, युवा प्रतिभाओं को मंच, और वैश्विक सहयोग – सब एक साथ एक नई क्रांति का संकेत दे रहे हैं। WAVES 2025 उसी परिवर्तन की नींव है।
“विज्ञान केवल शोध नहीं, यह सेवा है – मानवता की, समाज की और आने वाली पीढ़ियों की।” – पीएम मोदी
यह सम्मेलन आने वाले वर्षों में विज्ञान आधारित नीति निर्माण और सामाजिक समावेशिता का नया मॉडल बन सकता है। WAVES 2025 भारत के वैज्ञानिक भविष्य की रचना में एक निर्णायक मोड़ साबित होगा।