राजस्थान के जैसलमेर जिले में तैनात एक सरकारी कर्मचारी को राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने गंभीर आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है। उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी भेजने का आरोप है। यह गिरफ्तारी राज्य और केंद्र की एजेंसियों के साझा ऑपरेशन में की गई।
जानकारी के अनुसार, काफी समय से इस कर्मचारी पर नजर रखी जा रही थी। एक विशेष तकनीकी निगरानी के जरिए सुराग मिलने के बाद, पुलिस ने जैसलमेर से उसे पकड़ा। उसके कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, कागज़ात और संदिग्ध चैट्स बरामद हुई हैं, जिन्हें अब जांच के लिए भेजा गया है।
सोशल मीडिया से शुरू हुई जासूसी की यह कहानी
जांच में जो खुलासे हुए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। यह व्यक्ति एक सोशल मीडिया चैट के ज़रिए पाकिस्तान के एक एजेंट के संपर्क में आया। एजेंट ने खुद को महिला बताकर दोस्ती की शुरुआत की और भावनात्मक जुड़ाव बना लिया। धीरे-धीरे बातचीत गोपनीय जानकारियों तक पहुंची।
इसके बाद पैसे और उपहार के बदले में उसने कथित रूप से कई फोटो, सरकारी बैठकों की डिटेल और आंतरिक दस्तावेज़ ISI तक पहुंचाए। इस तरह की गतिविधियों को एजेंसियों ने गंभीर अपराध माना है, और अब डिजिटल फॉरेंसिक जांच जारी है।
राजनीतिक संबंध: एक नई जांच की दिशा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी का नाम एक स्थानीय राजनीतिक नेता के साथ जुड़ा पाया गया है। जांच के दौरान पता चला है कि वह एक वरिष्ठ नेता के आयोजनों में अक्सर शामिल रहता था और प्रचार कार्यों में भी सक्रिय था।
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उस नेता को इन गतिविधियों की जानकारी थी या नहीं। इस एंगल से भी जांच बारीकी से की जा रही है, लेकिन किसी भी राजनेता पर फिलहाल सीधा आरोप नहीं लगाया गया है।
🚨BREAKING
– Rajasthan police arrested an ISI agent Shakoor Khan who had been passing critical info for many yrs
– Shockingly, he is personal secretary of ex Congress Cabinet Minister Saleh Mohammad
Why is every Traitor linked to Congress? pic.twitter.com/8I2bykKicm
— BALA (@erbmjha) May 29, 2025
जानकारी लीक करने के तरीके: डिजिटल और फील्ड ऑपरेशन
आरोपी ने जो जानकारी ISI तक पहुंचाई, उसमें कई संवेदनशील दस्तावेज, स्थानों की तस्वीरें और रणनीतिक बैठकों की डिटेल शामिल थीं। वो अक्सर मोबाइल फोन से फोटो खींचता और फिर उन्हें एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स के जरिए भेज देता था।
इनमें से कई डिटेल्स ऐसी हैं जिन्हें केवल सीमित अधिकारियों को ही पता होती हैं। इसके बदले में आरोपी को डिजिटल माध्यमों और कभी-कभी हवाला के ज़रिए पैसे मिलते थे। इन लेन-देन की ट्रैकिंग अभी जांच का अहम हिस्सा है।
इसी तरह की एक अन्य घटना में, एनआईए ने हाल ही में एक सीआरपीएफ जवान को भी ISI के लिए जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिससे सुरक्षा बलों के भीतर भी गंभीर सतर्कता बरती जा रही है।
देश में ऐसे मामले पहले भी सामने आए हैं
यह मामला कोई नया नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं जहां ISI ने भारतीय नागरिकों को फांसकर जासूसी करवाई है। रेलवे कर्मचारियों, सरकारी बाबुओं और यहां तक कि सेना के कुछ जवानों को भी इसके जाल में फंसाया गया।
जांच एजेंसियों के अनुसार, ISI का पैटर्न लगभग एक जैसा होता है –
- पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती
- फिर भावनात्मक रिश्ता बनाना
- और बाद में लालच देकर जानकारी लेना
राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्य ISI के लिए हमेशा टारगेट पर रहे हैं, जहां सीमावर्ती इलाके और सैन्य गतिविधियां होती हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और अगली कार्रवाई
राजस्थान पुलिस ने आधिकारिक बयान में कहा है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। जांच को गुप्त रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है और साइबर टीम तकनीकी सबूत जुटा रही है।
पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में यह पता चला है कि जानकारी लीक करने का मकसद आर्थिक लाभ था। हालांकि, अन्य संभावनाएं भी खुली रखी गई हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
क्या जनता को सतर्क रहना चाहिए? हां, जरूर
इस मामले ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सोशल मीडिया हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है? जवाब है — हां, अगर सतर्कता न बरती जाए।
आजकल सरकारी कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है कि वे किसी अनजान व्यक्ति को जानकारियां न दें, फिर भी कई लोग जाल में फंस जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आम जनता भी जागरूक रहे और ऐसे मामलों में सतर्कता बरते।
सतर्कता ही सुरक्षा है
जैसलमेर में हुआ ये खुलासा बताता है कि देश की सुरक्षा से जुड़े खतरे कहीं भी छिपे हो सकते हैं — यहां तक कि सरकारी तंत्र के भीतर भी। भले ही आरोपी अभी हिरासत में है, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को और चौकन्ना कर दिया है।
राजनीतिक लिंक की जांच, डिजिटल ट्रेसिंग, और अन्य कड़ियों को जोड़कर जल्द ही पूरा मामला सामने लाया जाएगा। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक हर कोण को गंभीरता से लिया जाना जरूरी है।
📌 आपका क्या कहना है इस पूरे मामले पर? क्या सोशल मीडिया पर सावधानी बरतने का समय आ गया है? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर दें।