उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक अहम औद्योगिक फैसले पर मुहर लगाई है। हाल ही में संपन्न हुई राज्य कैबिनेट बैठक में देशभर में अपने उत्पादों के लिए प्रसिद्ध हल्दीराम को ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ (Letter of Comfort) जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
यह प्रस्ताव, यूपी की नयी औद्योगिक नीति के तहत निवेश को आकर्षित करने और राज्य में नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने की योजना का हिस्सा है।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव (औद्योगिक विकास) ने इस प्रस्ताव को रखा जिसमें हल्दीराम द्वारा राज्य में एक बड़ा निवेश करने की योजना बताई गई। मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करते हुए ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ देने का रास्ता साफ कर दिया।
📄 ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ क्या होता है? आसान भाषा में समझिए
आमतौर पर निवेशकों को राज्य सरकार की ओर से यह आश्वासन देने के लिए ‘लेटर ऑफ कम्फर्ट’ जारी किया जाता है कि भविष्य में उन्हें नीति के अनुसार सभी अनुमत लाभ दिए जाएंगे।
यह कोई कानूनी अनुबंध नहीं होता लेकिन एक तरह का भरोसा होता है कि सरकार उन्हें सहयोग देगी — जैसे भूमि आवंटन, बिजली सुविधा, टैक्स रियायतें, एवं अन्य सहूलियतें।
सरल भाषा में कहें तो यह पत्र निवेशक और सरकार के बीच भरोसे का पुल होता है जो उद्योग की स्थापना की प्रक्रिया को सहज बनाता है।
🏭 हल्दीराम की यूपी में निवेश योजना
हल्दीराम भारत का एक प्रमुख फूड ब्रांड है जो अब उत्तर प्रदेश में अपने विस्तार की तैयारी में है। कंपनी का प्लान है कि वह राज्य में करीब 500 करोड़ रुपए का निवेश करते हुए एक आधुनिक निर्माण इकाई (manufacturing unit) लगाए।
इस निवेश से न केवल उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। बताया जा रहा है कि यह प्लांट पूर्वांचल या बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में स्थापित किया जा सकता है, जिससे पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक गति मिलेगी।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में 06 प्रकरणों के सम्बन्ध में की गई संस्तुतियों को अनुमोदित कर दिया है।#UPCabinet pic.twitter.com/nnpmjSL5v8
— Government of UP (@UPGovt) June 3, 2025
📈 राज्य सरकार की औद्योगिक नीति और मिलने वाली सुविधाएं
उत्तर प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीति विशेष रूप से निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। हल्दीराम को जो लेटर ऑफ कम्फर्ट दिया गया है, उसमें निम्नलिखित सहूलियतें शामिल हो सकती हैं: भूमि आवंटन में प्राथमिकता, SGST रिफंड, सस्ती दरों पर बिजली, निर्माण स्वीकृति में तेजी, और स्थानीय प्रशासन का सहयोग।
राज्य सरकार की यही नीतिगत स्पष्टता और पर्यावरणीय दृष्टिकोण हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर भी नजर आया था, जहां “हमारी धरती, हमारा भविष्य” थीम के तहत जिम्मेदार औद्योगिक विकास की बात की गई थी। इस पर विस्तृत रिपोर्ट आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
हल्दीराम को जो लेटर ऑफ कम्फर्ट दिया गया है, उसमें निम्नलिखित सहूलियतें शामिल हो सकती हैं:
- भूमि आवंटन में प्राथमिकता
- SGST रिफंड
- सस्ती दरों पर बिजली
- निर्माण स्वीकृति में तेजी
- स्थानीय प्रशासन का सहयोग
Uttar Pradesh takes a major stride in industrial growth! The state cabinet has approved a letter of comfort for Haldiram’s, paving the way for a ₹662 crore investment in Gautam Buddha Nagar for a frozen ready-to-eat food unit. Alongside, incentives worth ₹104 crore have been… pic.twitter.com/NyNV2cKrJf
— INVEST UP (@_InvestUP) June 4, 2025
हाल ही में हमने यूपी की सियासत से जुड़ी एक और रिपोर्ट कवर की थी – ‘Sindoor Politics: TMC Slams Amit Shah Over Remark’।
🧠 विशेषज्ञों की राय: यह कदम कितना कारगर?
आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि यह कदम निवेशकों को एक स्पष्ट और सकारात्मक संकेत देता है कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास को लेकर गंभीर है।
कई एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा कि यदि हल्दीराम जैसी कंपनियां निवेश करती हैं, तो उनसे जुड़ी छोटी इकाइयां (जैसे पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट आदि) भी फलेंगी और स्थानीय इकोनॉमी को गति मिलेगी।
इससे यूपी की ‘Ease of Doing Business’ रैंकिंग में भी सुधार संभव है।
🔁 अन्य उदाहरण: पहले भी जारी हुए हैं ऐसे पत्र
हल्दीराम से पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार ने कई प्रमुख कंपनियों को इसी तरह का लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया है।
जैसे:
- 2023 में IT सेक्टर की कंपनी TCS को
- 2022 में फार्मा उद्योग के लिए एक जापानी कंपनी को
इन सभी निवेशों से स्थानीय स्तर पर उद्योग स्थापित हुए और लोगों को रोजगार मिला। हल्दीराम का मामला भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
👷 स्थानीय रोजगार और सप्लाई चेन पर असर
हल्दीराम का यह निवेश न केवल उत्पादन बढ़ाएगा बल्कि यह स्थानीय युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर भी लाएगा।
- करीब 4000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकता है
- अप्रत्यक्ष रूप से ट्रांसपोर्ट, कूरियर, कच्चा माल सप्लाई आदि से हजारों लोगों को फायदा होगा
- महिला कर्मचारियों को भी प्राथमिकता दी जा सकती है, क्योंकि पैकेजिंग यूनिट्स में महिलाएं अधिक प्रभावी मानी जाती हैं
MSMEs (छोटे उद्योग) को भी इससे बड़ा बूस्ट मिलेगा।
🔚सरकार का यह कदम कितना दूरगामी?
यह फैसला केवल एक निवेश समझौता नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि यूपी सरकार अब निवेशकों के लिए “निवेश करें, भरोसा पाएं” की नीति पर काम कर रही है।
जरूरत है कि इस भरोसे को नीति और जमीन पर क्रियान्वयन के स्तर तक पहुंचाया जाए। यदि ऐसा होता है तो यह फैसला यूपी के औद्योगिक नक्शे को बदल सकता है।