उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा 27 जुलाई को राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा को लेकर न केवल लाखों अभ्यर्थियों में उत्साह है, बल्कि शासन और प्रशासन भी इसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है।
यह परीक्षा राज्य की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी भर्ती परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इसलिए तैयारी भी उसी स्तर की की जा रही है — उम्मीदवारों की तरफ से भी और सरकार की तरफ से भी।
10 लाख अभ्यर्थी, 2382 केंद्र, पूरे प्रदेश में तैयारियां
इस वर्ष परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 10 लाख से अधिक बताई जा रही है। परीक्षा का आयोजन राज्य के 56 जिलों में कुल 2382 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा।
परीक्षा एक ही दिन में दो पालियों में आयोजित की जाएगी – पहली पाली सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक।
एडमिट कार्ड पहले ही UPPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिए गए हैं और सभी उम्मीदवारों को समय से पहले डाउनलोड करने की सलाह दी गई है।
सरकार की सतर्कता: पूरी परीक्षा CCTV निगरानी में
शासन ने RO/ARO परीक्षा को पूर्णत: निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।
- सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो परीक्षा की वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करेंगे।
- कई सेंटरों पर मोबाइल नेटवर्क जैमर भी लगाए गए हैं ताकि नकल या किसी अन्य तकनीकी हस्तक्षेप से बचा जा सके।
- धारा 144 लागू की गई है परीक्षा केंद्रों के आसपास।
- प्रत्येक केंद्र पर एक निरीक्षण अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
इन तैयारियों से स्पष्ट है कि सरकार इस परीक्षा को लेकर कोई चूक नहीं चाहती।
UP govt to use AI, social media monitoring, implement strict security for RO/ARO examhttps://t.co/bGGgdq09qO
— Economic Times (@EconomicTimes) July 20, 2025
प्रशासनिक सख्ती: स्थानीय प्रशासन से राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम तक
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SP) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले में परीक्षा व्यवस्था की लगातार निगरानी करें।
इसके अलावा, लखनऊ में एक केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जहां से पूरे राज्य की परीक्षा गतिविधियों की निगरानी होगी।
PAC और स्थानीय पुलिस के जवान परीक्षा केंद्रों पर तैनात रहेंगे। संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी की जाएगी।
अभ्यर्थियों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
परीक्षा में बैठने जा रहे अभ्यर्थियों को निम्नलिखित नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा:
- एडमिट कार्ड और एक वैध पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड) साथ लाना अनिवार्य है।
- किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, स्मार्टवॉच, ईयरफोन आदि परीक्षा केंद्र में पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
- रिपोर्टिंग टाइम परीक्षा से कम से कम 1 घंटे पहले है — लेट एंट्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- अगर किसी अभ्यर्थी को स्वास्थ्य या मानसिक तनाव हो, तो उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए — शारदा यूनिवर्सिटी केस जैसे मामलों से सबक लेते हुए छात्र हित में सही वातावरण बनाना जरूरी है।
DGP और अधिकारियों के बयान: “नकल बर्दाश्त नहीं”
परीक्षा की सुरक्षा को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) और मुख्य सचिव ने साफ संदेश दिया है कि “Zero Tolerance on Cheating” की नीति अपनाई गई है।
कुछ जिलों के डीएम और एसपी ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया है और कर्मचारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में परीक्षा की पवित्रता से समझौता नहीं होना चाहिए।
पिछली परीक्षाओं से सबक: इस बार पूरी तरह से टाइट
बीते वर्षों की RO/ARO परीक्षाओं में कई बार पेपर लीक, नकल गिरोह जैसे विवाद सामने आए थे। लेकिन इस बार सरकार ने उसी से सबक लेते हुए अपनी रणनीति को बदला है।
- जहां पहले केंद्रों पर निगरानी कमजोर थी, अब वहां हर गतिविधि रिकॉर्ड की जा रही है।
- टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग किया जा रहा है, जिसमें AI आधारित निगरानी प्रणाली भी शामिल है।
- नकल रोकने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ और फ्लाइंग स्क्वॉड्स की भी तैनाती की गई है।
सोशल मीडिया पर भी नजर: अफवाहें फैलाने वालों की खैर नहीं
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि परीक्षा से संबंधित कोई भी भ्रामक सूचना या अफवाह सोशल मीडिया पर ना फैले।
- व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स की निगरानी की जा रही है।
- साइबर सेल और STF (Special Task Force) की टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं।
- किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने पर आईटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस परीक्षा में सिर्फ छात्रों की नहीं, प्रशासन की भी परीक्षा
RO/ARO परीक्षा केवल छात्रों के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा नहीं है — यह राज्य सरकार और प्रशासन के लिए भी एक परीक्षा है।
शासन की छवि, युवाओं का भरोसा, और सरकारी सिस्टम की पारदर्शिता — सब कुछ इस परीक्षा के सफल आयोजन से जुड़ा हुआ है।
अगर यह परीक्षा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न होती है, तो यह उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता का सकारात्मक प्रमाण होगा।
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