पीएम मोदी का संदेश
भारत इस समय उस मुकाम पर खड़ा है, जहां टेक्नोलॉजी सिर्फ विकास का हिस्सा नहीं बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाली ताकत बन चुकी है। इसी संदर्भ में बेंगलुरु में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “Designed & Made in India, Trusted by World”।
यह बयान न केवल भारत की सेमीकंडक्टर क्षमता को रेखांकित करता है, बल्कि इस विश्वास को भी मजबूत करता है कि आने वाले वर्षों में भारत चिप निर्माण और डिजाइन का वैश्विक हब बन सकता है। मोदी जी ने अपने संबोधन में भारत को डिजिटल युग की नई ताकत बताते हुए निवेशकों को भरोसा दिलाया कि यहां का इकोसिस्टम तेजी से बदल रहा है और दुनिया का विश्वास भारत पर बढ़ रहा है।
सेमीकॉन इंडिया 2025 का मुख्य एजेंडा
सेमीकॉन इंडिया 2025 का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाना है। इस सम्मेलन में दुनिया भर की बड़ी टेक कंपनियों, निवेशकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
पीएम मोदी ने चिप्स को 21वीं सदी के “Digital Diamonds” बताते हुए कहा कि आने वाले समय में जो देश सेमीकंडक्टर उद्योग में आगे होंगे, वही डिजिटल दुनिया का नेतृत्व करेंगे।
मुख्य बिंदु:
- भारत विदेशी कंपनियों को मजबूत उत्पादन और रिसर्च वातावरण उपलब्ध करा रहा है।
- देश में नई पॉलिसीज़ और प्रोत्साहन योजनाएं चिप इंडस्ट्री को गति दे रही हैं।
- टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
A defining chapter in India’s semiconductor journey is unfolding, with innovation and investment driving a new wave of growth. Addressing Semicon India 2025 in Delhi. https://t.co/5jurEGuYnI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2025
भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा – अब तक का सफर
भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हाल के वर्षों में लंबा सफर तय किया है। Make in India मिशन के तहत न सिर्फ उत्पादन पर बल दिया गया बल्कि डिजाइन और रिसर्च पर भी फोकस बढ़ा है।
2021 में शुरू हुआ भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) इस दिशा में एक बड़ा कदम था। इसके बाद कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में निवेश की इच्छा जताई।
आज भारत सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि चिप निर्माण का संभावित ग्लोबल सेंटर बनकर उभर रहा है।
ग्लोबल भरोसा – क्यों भारत पर है दुनिया की नज़र
दुनिया भारत की ओर इसलिए देख रही है क्योंकि यहां स्थिर लोकतंत्र, युवा टैलेंट और विशाल बाजार मौजूद है। अमेरिका, जापान और यूरोप की कई कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने की तैयारी कर रही हैं।
भारत का बढ़ता IT सेक्टर और रिसर्च क्षमताएं विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। इसी के साथ वैश्विक व्यापार नीतियां और टैरिफ का असर भी भारत की रणनीतियों पर पड़ रहा है। हाल ही में एक विश्लेषण में बताया गया था कि कैसे अमेरिकी शुल्क नीतियों ने भारतीय निर्यातकों को नई रणनीतियाँ अपनाने के लिए मजबूर किया है (पूरा विवरण यहाँ पढ़ें)।
टेक कंपनियां यह मान रही हैं कि आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा।
Vikram 32-bit चिप – भारत की नई उपलब्धि
सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में भारत के सामने Vikram 32-bit चिप पेश की गई। यह स्वदेशी तकनीक से बनी हुई चिप भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम है।
मुख्य विशेषताएं:
- यह चिप पूरी तरह भारत में डिजाइन की गई है।
- इसका उपयोग भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स, AI और ऑटोमोटिव सेक्टर में किया जा सकेगा।
- यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ “बैकएंड सर्विस सेंटर” नहीं बल्कि हार्डवेयर इनोवेशन का भी हब बन रहा है।
The day is not far when the world will say – Designed in India, Made in India, Trusted by the World: PM @narendramodi pic.twitter.com/8TXxvVodyB
— PMO India (@PMOIndia) September 2, 2025
‘Designed in India’ से ‘Trusted by World’ तक
पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में ज़ोर देकर कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत की पहचान केवल “Made in India” तक सीमित न रहे, बल्कि “Designed in India, Trusted by World” के रूप में स्थापित हो।
इसका मतलब है कि भारत का लक्ष्य सिर्फ उत्पादन नहीं बल्कि ग्लोबल स्टैंडर्ड इनोवेशन करना है।
- भारत दुनिया की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए तैयार है।
- यहां का इंजीनियरिंग टैलेंट और रिसर्च क्षमता ग्लोबल कंपनियों के लिए भरोसेमंद है।
- यह विज़न भारत को 2047 तक टेक्नोलॉजी लीडर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
युवाओं और रोजगार पर असर
सेमीकंडक्टर मिशन से भारत में लाखों नए रोजगार पैदा होने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर डिजाइन, रिसर्च और उत्पादन से जुड़े क्षेत्रों में युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे।
साथ ही, सरकार स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर दे रही है ताकि भारत के युवा वैश्विक चिप इंडस्ट्री में अहम भूमिका निभा सकें।
टेक्नोलॉजी का भविष्य – भारत की भूमिका
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5G नेटवर्क, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और स्पेस रिसर्च जैसी हर नई तकनीक में चिप्स की ज़रूरत होती है।
भारत अगर इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता है, तो यह न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करेगा बल्कि दुनिया को भी सप्लाई करने की स्थिति में होगा।
भारत का डिजिटल भविष्य
सेमीकॉन इंडिया 2025 में पीएम मोदी का संदेश स्पष्ट है – भारत सिर्फ उपभोक्ता नहीं बल्कि वैश्विक इनोवेटर और ट्रस्टेड निर्माता बनने की ओर बढ़ रहा है।
“Designed & Made in India, Trusted by World” सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा है।
👉 अब सवाल यह है कि आने वाले वर्षों में भारत किस गति से आगे बढ़ेगा और क्या सचमुच भारत दुनिया का अगला चिप पावरहाउस बन पाएगा?
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