उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) ने एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का पर्दाफाश किया है। वाराणसी निवासी तुफैल को देशविरोधी गतिविधियों और पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि तुफैल व्हाट्सएप पर ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’, ‘बाबरी का बदला’, और ‘शरीयत का राज’ जैसे संदेश सैकड़ों लोगों तक फैला रहा था।
🟩 ATS को डिजिटल निगरानी के जरिए मिले अहम सुराग, जिसके आधार पर हुई गिरफ़्तारी।
कौन है तुफैल? आम ज़िंदगी से आतंक के जाल तक
गिरफ्तार युवक का नाम तुफैल है, जिसकी उम्र लगभग 35 साल बताई जा रही है। वह वाराणसी के आदमपुर इलाके में रहता है और चूड़ियों की दुकान के साथ मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था। देखने में एक आम इंसान लगने वाला तुफैल असल में सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे विचारों को फैलाता रहा जो देश की एकता और सुरक्षा के लिए खतरनाक माने जा सकते हैं।
🟩 सोशल मीडिया पर सक्रिय तुफैल की गतिविधियों पर पहले से ATS की नजर थी।
‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ और ‘बाबरी बदला’: उकसाने वाले संदेश
ATS द्वारा जब तुफैल का मोबाइल खंगाला गया तो उसमें कई आपत्तिजनक मैसेज और वीडियो मिले। वह अपने संपर्कों को यह कहकर संदेश भेजता था:
- “अब वक्त है बदला लेने का – बाबरी का हिसाब होगा।”
- “ग़ज़वा-ए-हिंद की तैयारी शुरू हो चुकी है।”
- “भारत में शरीयत ही शासन लाएगा।”
इन संदेशों को करीब 600 से ज्यादा लोगों तक भेजा गया था, जिनमें से कई पाकिस्तान और मध्य एशिया के नंबर थे।
🟩 कट्टरपंथी सोच से प्रभावित होकर तुफैल फैला रहा था ज़हर।
UP ATS ने वाराणसी से तुफैल को पाक जासूसी में पकड़ा।
600+ पाकिस्तानी नंबरों से था संपर्क।
राजघाट, ज्ञानवापी, लाल किला समेत कई संवेदनशील जगहों की जानकारी भेजी।
‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ और शरीयत का प्रचार करता था। pic.twitter.com/yErMkp1W1N
— Ankit Rawal (@ankitrawal1182) May 22, 2025
ATS की जांच: कैसे सामने आया मामला
ATS को तुफैल की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी साइबर मॉनिटरिंग के ज़रिए मिली। टीम ने जैसे ही तकनीकी जांच शुरू की, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उसका सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप चैट्स और डिजिटल गतिविधियों से पता चला कि वह पाकिस्तान से मिले निर्देशों के आधार पर काम कर रहा था।
🟩 तकनीकी निगरानी से हुआ खुलासा – विदेशी नंबर्स से हो रहा था संवाद।
पाकिस्तान से लिंक: क्या था उद्देश्य?
ATS सूत्रों के मुताबिक, तुफैल को पाकिस्तान से कंटेंट मिलता था, जिसे वह स्थानीय युवाओं में फैलाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि उसे पाकिस्तान के कुछ डिजिटल हैंडलर्स से छोटे-छोटे भुगतानों के रूप में पैसे भी मिलते थे। वह भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश का एक छोटा हिस्सा था।
🟩 ISI या अन्य पाक एजेंसियों से जुड़ाव की भी जांच जारी।
UP–ATS arrested Mohammad Tufail from Varanasi. Tufail sent photos of Rajghat, Namoghat, Gyanvapi, Jama Masjid, and Red Fort to Pakistani phone numbers.
In a Pakistani WhatsApp group, he discussed plans for Ghazwa-e-Hind, seeking revenge for the Babri Masjid demolition and aiming… pic.twitter.com/xWC8ZoZ7Oo
— Treeni (@TheTreeni) May 22, 2025
कानूनी धाराएं और अगली कार्रवाई
तुफैल पर UAPA, आईटी एक्ट, और देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब ATS उसके मोबाइल डेटा, फंडिंग स्रोत और संभावित सहयोगियों की भी गहन जांच कर रही है।
🟩 देश की सुरक्षा के खिलाफ साजिश रचने वाले को मिलेगी कड़ी सजा – ATS अधिकारी।
सोशल मीडिया बना नई चुनौती
यह मामला एक बार फिर बताता है कि सोशल मीडिया कैसे आतंक और कट्टरता का हथियार बनता जा रहा है। तुफैल जैसे लोग डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग कर युवा वर्ग को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
🟩 अब ATS सोशल मीडिया पर खास निगरानी रख रही है।
समाज को रहना होगा सतर्क
तुफैल की गिरफ्तारी हमें यह सिखाती है कि सतर्क रहना कितना ज़रूरी है। कोई भी व्यक्ति दिखने में आम हो सकता है, लेकिन सोशल मीडिया पर वह क्या सोच और विचार फैला रहा है, यह लगातार जांच का विषय होना चाहिए। हाल ही में दिल्ली से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहाँ दो संदिग्धों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली में जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़: दो आरोपी गिरफ्तार, साज़िश नाकाम — इस रिपोर्ट में और भी चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। समाज को ऐसे संकेतों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
🟩 देश के खिलाफ किसी भी सोच को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है।
आपकी राय क्या है?
क्या सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट पर तत्काल रोक लगनी चाहिए?
क्या तुफैल जैसे मामलों में और सख्ती बरतनी चाहिए?
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