बेंगलुरु में सोमवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। Whitefield इलाके में स्थित Sai Layout Apartment के बेसमेंट में भारी बारिश के बाद पानी भर गया। सुबह करीब 4 बजे, स्थानीय निवासी 60 वर्षीय एल श्रीनिवास और 12 वर्षीय विघ्नेश बेसमेंट में जमा पानी की स्थिति देखने नीचे उतरे। इसी दौरान बिजली की चपेट में आकर दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
“बेसमेंट में पैर रखते ही उन्हें तेज करंट लगा और वे वहीं गिर पड़े।”
हादसे के समय वहां मौजूद लोगों ने तुरंत मदद की कोशिश की, लेकिन जब तक दोनों को बाहर निकाला गया, तब तक उनकी जान जा चुकी थी।
स्थानीय प्रशासन और BBMP की लापरवाही पर सवाल
घटना के तुरंत बाद स्थानीय निवासियों में गहरा रोष देखा गया। अपार्टमेंट के लोगों का आरोप है कि उन्होंने BBMP और फायर डिपार्टमेंट को कई बार कॉल किया, लेकिन कोई समय पर नहीं पहुंचा। इससे पहले भी इस इलाके में जलभराव की शिकायतें दी जा चुकी थीं।
“अगर समय पर बिजली काट दी जाती और पानी निकाला जाता, तो ये हादसा टल सकता था,” एक निवासी ने बताया।
लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और असावधानी ने दो जिंदगियां छीन लीं।
बेंगलुरु में साल की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। 6 घंटे की मूसलाधार बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। करंट लगने से मासूम समेत तीन की मौत हो गई।#BengaluruRains #Bengaluru
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— Hindustan (@Live_Hindustan) May 20, 2025
मौसम विभाग की चेतावनी और भविष्य की स्थिति
भारत मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही बेंगलुरु के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी कर रखा था। आने वाले दिनों में भी शहर में भारी बारिश की संभावना है।
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 72 घंटों तक तेज हवाओं और भारी बारिश का दौर जारी रहेगा, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
“बेंगलुरु में अगले 3 दिनों तक भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया है।”
प्रशासन ने नागरिकों को अपील की है कि जलभराव वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें और बिजली उपकरणों का सावधानी से इस्तेमाल करें।
शहर की तैयारियों की पोल खोलती तस्वीरें
हर साल बेंगलुरु में बारिश आते ही नाले ओवरफ्लो, सड़कें जलमग्न, और बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। बावजूद इसके, शहर की ड्रेनेज प्रणाली में कोई बड़ा सुधार नहीं हो सका है।
“हर साल बरसात में बेंगलुरु के कई हिस्से जलमग्न हो जाते हैं, पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते।”
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक शहरी नियोजन में बदलाव नहीं होगा, ऐसे हादसे दोहराते रहेंगे।
नगर निगम और बिजली विभाग को ऐसी जगहों की पूर्व जांच और आपातकालीन योजनाएं बनानी चाहिए।
Yes real hero, you forgot to mention the villain who is ruling without any responsibility and care, no safe wiring anywhere.
Protect yourself, if you die they will close the case by saying it is accident.https://t.co/y0AOrEBsPj
— Political critique (@Political_crit) April 19, 2025
परिवार की स्थिति और स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद मृतकों के परिवार में गहरा शोक है। विघ्नेश अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। वह छठी कक्षा में पढ़ता था और पढ़ाई में होनहार था। एल श्रीनिवास एक सेवानिवृत्त कर्मचारी थे और अपार्टमेंट की देखरेख में सहयोग करते थे।
“विघ्नेश बहुत समझदार और शांत बच्चा था… हमें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि वो अब नहीं है,” एक पड़ोसी ने कहा।
स्थानीय समुदाय ने अपार्टमेंट के बाहर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
दिलचस्प बात यह है कि जब प्रशासनिक असफलताओं की बात आती है, तो केवल बारिश ही नहीं, अन्य नीतिगत मुद्दों पर भी सरकारों पर उंगलियां उठती रही हैं।
हाल ही में शिवराज सिंह चौहान ने भी एक बड़ा बयान देकर भारत-पाकिस्तान के जल समझौते को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।
कानूनी कार्रवाई और सरकार की प्रतिक्रिया
पुलिस ने इस मामले में धारा 304A (लापरवाही से मौत) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
BBMP और BESCOM (बिजली विभाग) से रिपोर्ट मांगी गई है, और जांच शुरू कर दी गई है।
राज्य सरकार की तरफ़ से अब तक कोई आधिकारिक मुआवज़े की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन नगर प्रशासन की लापरवाही की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
“शुरुआती जांच में लापरवाही की बात सामने आई है, पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।”
कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार से त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा मानकों को लागू करने की मांग की है।
जनता से अपील और सुझाव
बारिश के दौरान नागरिकों को बेहद सावधानी बरतने की ज़रूरत है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां जलभराव की संभावना अधिक होती है।
- बेसमेंट और अंडरग्राउंड पार्किंग जैसे इलाकों में बारिश के दौरान न जाएं
- जलभराव के समय बिजली उपकरणों का इस्तेमाल न करें
- प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें
- अपार्टमेंट सोसाइटी को आपातकालीन योजना और जनरेटर/ड्रेन पंप की व्यवस्था करनी चाहिए
“बिजली और पानी का मेल जानलेवा हो सकता है—सावधानी ही सुरक्षा है।”
निष्कर्ष
यह दुखद घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि शहरी लापरवाही और योजना की असफलता का आईना है।
बेंगलुरु जैसे महानगर में, जहां तकनीकी प्रगति की बातें होती हैं, वहां दोनों मूलभूत चीजें — पानी और बिजली — जानलेवा साबित हो रही हैं।
“इस दर्दनाक घटना ने फिर एक बार चेतावनी दी है कि सिर्फ़ बारिश नहीं, हमारी तैयारी भी जानलेवा हो सकती है।”
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