उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बालामऊ-शहबाजनगर रेलखंड के पास उस समय हड़कंप मच गया जब रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध छेड़छाड़ के संकेत मिले। बीती रात जब नियमित पेट्रोलिंग टीम ट्रैक की निगरानी कर रही थी, तब उन्होंने पाया कि एक पटरी पर कुछ क्लैम्प और नट-बोल्ट जानबूझकर हटाए गए हैं।
अगर समय रहते यह साजिश पकड़ी न जाती, तो राजधानी एक्सप्रेस और एक अन्य तेज गति से आने वाली ट्रेन एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकती थीं।
रेलवे कर्मचारियों ने बिना देरी किए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और ट्रैक की जांच शुरू की गई। कुछ ही देर में राजधानी एक्सप्रेस को पास के स्टेशन पर रोक दिया गया और दूसरे ट्रेन की रफ्तार को कम कर दिया गया।
पुलिस और रेलवे की तत्परता ने बचाया बड़ा हादसा
रेलवे प्रशासन और पुलिस की सतर्कता ने इस गंभीर साजिश को विफल कर दिया। मौके पर पहुंची GRP और RPF की टीमें ट्रैक का गहन निरीक्षण करने लगीं। कुछ समय बाद रेलवे इंजीनियरों ने भी मौके का मुआयना किया।
🔹 जांच में यह बात स्पष्ट हुई कि ट्रैक के कुछ हिस्सों को जानबूझकर ढीला किया गया था।
🔹 पुलिस ने इस घटना को किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा मानते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
रेलवे बोर्ड को इस घटना की रिपोर्ट भेज दी गई है और लखनऊ मुख्यालय से स्पेशल जांच टीम को भी तैनात किया गया है।
🚨ब्रेकिंग न्यूज
हरदोई में दो बड़ी ट्रेन दुर्घटनाओं की साजिश नाकाम हो गई।
डाउन ट्रैक पर अर्थिंग वायर और लकड़ी का गुटखा रखकर हादसे की कोशिश की गई।
लेकिन लोको पायलटों की सजगता से दोनों ट्रेनें सुरक्षित रहीं। pic.twitter.com/ynESZHYJsU
— vishwajeet kumar (@vjeett05) May 20, 2025
साजिश के पीछे कौन हो सकता है?
हरदोई पुलिस ने इस मामले को सामान्य शरारत नहीं माना है। इस तरह की हरकतें या तो किसी आंतरिक गुटबाजी, बाहरी साजिश या असामाजिक तत्वों की सोची-समझी चाल हो सकती हैं।
📌 संभावनाएं ये भी हैं कि रेलवे को निशाना बनाकर किसी बड़े हमले की योजना बनाई जा रही थी।
📌 पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है।
📌 स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
फिलहाल पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों में शामिल एक-दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हरदोई में राजधानी समेत 2 ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने फोड़ दिए साजिश के घातक जाल
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रेलवे सुरक्षा में खामियां भी उजागर
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुले ट्रैक की निगरानी आज भी भारत के कई हिस्सों में बेहद सीमित है। कई ऐसे खंड हैं जहां CCTV निगरानी, नाइट पेट्रोलिंग और IoT डिवाइसेस की कमी है।
🚨 रेलवे को चाहिए कि वो संवेदनशील इलाकों में ट्रैक की निगरानी के लिए स्वचालित प्रणाली अपनाए।
🚨 सिर्फ इंसानी निगरानी पर निर्भर रहना अब खतरनाक साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत में कई आधुनिक रेल परियोजनाएं भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं, जैसे कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट, जहां हाल ही में 200 टन स्टील स्पैन का बारापुला वायाडक्ट पर सफलतापूर्वक इंस्टॉलेशन हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी उन्नति के साथ-साथ सुरक्षा पर भी समान रूप से ध्यान देने की ज़रूरत है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद जैसे ही यह खबर आम जनता तक पहुंची, यात्रियों के बीच गंभीर चिंता और असुरक्षा की भावना देखने को मिली।
🗣️ “अगर यह ट्रैक समय पर चेक नहीं होता, तो हम सब के जीवन के साथ बड़ा खिलवाड़ होता,” राजधानी एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा।
स्थानीय लोगों का भी यही मानना है कि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को और मजबूत किए जाने की ज़रूरत है। कई ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्होंने दोपहर से ट्रैक के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी थीं लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर हंगामा
जैसे ही यह खबर मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर फैली, कई राजनीतिक नेताओं ने रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार को घेरा।
📢 एक विपक्षी विधायक ने कहा: “हरदोई जैसी शांत जगह में ऐसी साजिश होना दिखाता है कि सरकार रेलवे सुरक्षा में कितनी लापरवाह है।”
वहीं सोशल मीडिया पर #HardoiAlert और #RailwaySecurity जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग रेलवे से जवाब मांग रहे हैं और रेलवे सुरक्षा को फिर से डिज़ाइन करने की मांग कर रहे हैं।
चौकसी और जागरूकता से टल सकता है बड़ा हादसा
हरदोई की यह घटना हमें बताती है कि रेलवे जैसे बड़े ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ पुलिस या प्रशासन पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। आम नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम है।
🚆 यह घटना गंभीर है, लेकिन सौभाग्यवश एक बड़ा हादसा टल गया।
🚨 अब जरूरत है कि रेलवे सुरक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से मजबूत किया जाए।
📢 आपकी राय हमारे लिए जरूरी है!
क्या आपको लगता है कि रेलवे को ट्रैक सुरक्षा के लिए विशेष टेक्नोलॉजी अपनानी चाहिए?
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