देश के संवैधानिक पदों में उपराष्ट्रपति एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में उपराष्ट्रपति पद से अचानक हटने की खबर ने देशभर में राजनीतिक और संवैधानिक चर्चा को जन्म दे दिया है।
यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब आने वाले महीनों में कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों की उम्मीद है। ऐसे में जगदीप धनखड़ का पद छोड़ना केवल एक संवैधानिक खालीपन नहीं बल्कि एक सियासी संदेश भी हो सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है — अब अगला उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाएगा?
उपराष्ट्रपति की भूमिका: सिर्फ नाम का नहीं, जिम्मेदारी का पद
भारत का उपराष्ट्रपति केवल राष्ट्रपति का प्रतिनिधि या बैकअप नहीं होता। उसकी प्रमुख भूमिका राज्यसभा के सभापति के रूप में होती है।
- संसद के ऊपरी सदन को सुचारु रूप से चलाना
- महत्वपूर्ण विधेयकों पर दिशा-निर्देश देना
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्य करना
इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि इस पद पर कोई ऐसा व्यक्ति नियुक्त हो जो न केवल राजनीतिक रूप से संतुलित हो, बल्कि संविधान की मर्यादा भी निभा सके।
Hon’ble Vice-President of India & Chairman, Rajya Sabha, Shri Jagdeep Dhankhar administered oath to the newly elected and nominated Members of Rajya Sabha in Parliament House today- #RajyaSabha
Shri Birendra Prasad Baishya
Shri Kanad Purkayastha
Dr. Meenakshi Jain
Shri C.… pic.twitter.com/EfUnTPElnA— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025
चुनाव प्रक्रिया: कैसे चुना जाता है उपराष्ट्रपति?
जब उपराष्ट्रपति का पद खाली होता है, तो भारत का चुनाव आयोग एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत चुनाव कराता है।
मुख्य विशेषताएं:
- मतदाता कौन होते हैं?
लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित व मनोनीत सदस्य
- मतदान प्रणाली:
Single Transferable Vote यानी वरीयता के आधार पर मत देना होता है।
- गुप्त मतदान होता है, जिससे निष्पक्षता बनी रहती है।
- वोटिंग और गिनती एक ही दिन होती है, और परिणाम उसी दिन घोषित कर दिए जाते हैं।
📌 इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि चुना गया उपराष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों का विश्वास प्राप्त करता हो।
संभावित नामों की चर्चा: कौन-कौन हो सकता है अगला उपराष्ट्रपति?
जैसे ही उपराष्ट्रपति पद खाली हुआ, संभावित नामों को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं हैं। हालांकि कोई औपचारिक नाम सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई संभावनाएं उभर रही हैं।
- सत्तारूढ़ दल के पास संख्या बल है, ऐसे में वे अपने किसी वरिष्ठ नेता को इस पद पर बैठा सकते हैं।
- विपक्ष की ओर से भी एक साझा उम्मीदवार लाने की तैयारी हो सकती है, जिससे मुकाबला रोचक हो सकता है।
- क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी अहम रहेगी, क्योंकि उनके मत निर्णायक साबित हो सकते हैं।
— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025
पिछला उपराष्ट्रपति चुनाव: एक नजर पीछे की ओर
पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा नेता का नाम लगभग तय माना जा रहा था। संख्या बल की वजह से विपक्ष का उम्मीदवार हार गया था, लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग हो सकता है।
- तब सत्ता पक्ष को राज्यसभा में भी पर्याप्त समर्थन मिला था।
- विपक्ष बिखरा हुआ था, जिससे उन्हें संयुक्त समर्थन नहीं मिला।
इस बार समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि कुछ क्षेत्रीय दलों ने हाल ही में अपनी राजनीतिक स्थिति में बदलाव किया है।
आगामी चुनाव प्रक्रिया की संभावित टाइमलाइन
संविधान के अनुसार, पद रिक्त होने की स्थिति में 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। ऐसे में चुनाव आयोग जल्द ही अधिसूचना जारी कर सकता है।
संभावित चरण:
- अधिसूचना और नामांकन प्रक्रिया
- नामांकन पत्रों की जाँच
- नाम वापसी की अंतिम तारीख
- मतदान और मतगणना
- विजेता की घोषणा
इस दौरान राज्यसभा का संचालन वरिष्ठ सदस्य या उपसभापति द्वारा किया जा सकता है।
राजनीतिक रणनीति या व्यक्तिगत निर्णय?
जब कोई उच्च संवैधानिक पद अचानक खाली होता है, तो उसके पीछे कारणों की चर्चा स्वाभाविक होती है।
- कुछ राजनीतिक विश्लेषक इसे आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं
- वहीं कुछ इसे व्यक्तिगत कारण या संगठनात्मक बदलाव से जोड़ते हैं
इस बीच, सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों ही अपनी रणनीति तेज़ कर चुके हैं।
वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रमों को देखें तो एक बात साफ है कि संवैधानिक पदों पर अचानक परिवर्तन अब असामान्य नहीं रह गया है। हाल ही में जब एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्था छोड़कर एक अर्थशास्त्री ने शैक्षणिक दुनिया में वापसी की घोषणा की, तो वह भी इसी तरह चर्चा में रही। गीता गोपीनाथ का IMF छोड़कर हार्वर्ड लौटना इसी का एक उदाहरण है, जो यह दिखाता है कि उच्च पदों पर अचानक लिए गए निर्णय कई बार व्यक्तिगत से ज़्यादा रणनीतिक भी हो सकते हैं।
पाठकों से सवाल
अब बारी आपकी है!
क्या आपके मन में कोई ऐसा नाम है जिसे आप उपराष्ट्रपति के पद पर देखना चाहेंगे?
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