Mysore Sandal Soap, जो कि कर्नाटक की एक ऐतिहासिक और गर्व की प्रतीक ब्रांड है, एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार कारण है अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को इस ब्रांड का नया चेहरा बनाए जाने का निर्णय। इस घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया और कन्नड़ संगठनों में इस पर बहस छिड़ गई है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब कर्नाटक के पास खुद कई नामचीन चेहरे हैं, तो तमिल फिल्म इंडस्ट्री से किसी कलाकार को क्यों चुना गया?
विवाद की शुरुआत
तमन्ना भाटिया को Mysore Sandal Soap का ब्रांड एंबेसडर घोषित किए जाने के साथ ही विवाद ने जन्म लिया। कन्नड़ संगठनों और कुछ राजनीतिक नेताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि कर्नाटक की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाने वाले ब्रांड के लिए किसी स्थानीय चेहरे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी।
Karnataka Government sanctions Rs.6.2 crore for #TamannahBhatia to be brand ambassador of #MysoreSandalSoap for two years. Worth it? pic.twitter.com/v6YQ2PZWRW
— S Shyam Prasad’s Movie Page (@SSP_Film_Review) May 22, 2025
स्थानीयता बनाम राष्ट्रीय अपील
तमन्ना भाटिया एक स्थापित अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से तमिल, तेलुगु और हिंदी सिनेमा में काम करती हैं। उनके चयन को लेकर यह तर्क दिया गया कि कंपनी एक ऐसा चेहरा चाहती थी जिसकी पैन इंडिया अपील हो। हालांकि, विरोध करने वालों का कहना है कि स्थानीयता की भावना को नजरअंदाज करना गलत है।
We’re thrilled to welcome the iconic Ms Tamannaah Bhatia (@tamannaahspeaks) as the brand ambassador for Mysore Sandal Soap! A symbol of grace and versatility, Tamannaah perfectly mirrors the legacy, purity, and timeless appeal of our heritage brand
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.#Ksdl #BrandAmbassador pic.twitter.com/TQe2tjeY4O— House Of Mysore Sandal (@MysoreSandalIn) May 22, 2025
कंपनी की सफाई
Karnataka Soaps and Detergents Limited (KSDL) ने स्पष्ट किया है कि तमन्ना को ₹6.2 करोड़ की डील के तहत ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। कंपनी के अनुसार, उनका चयन एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है ताकि ब्रांड को देशभर में नई पहचान और मार्केटिंग विस्तार मिल सके।
इस तरह के विवाद पहले भी देखे गए हैं, जैसे हाल ही में Hera Pheri 3 को लेकर उठा विवाद, जिसमें कलाकारों के चयन और ब्रांड से जुड़ी उम्मीदों को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की प्रतिक्रिया
Kannada Chalavali Vatal Paksha जैसे संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता के साथ समझौता है। कुछ स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले में KSDL को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
ब्रांड का ऐतिहासिक महत्व
1916 में शुरू हुआ Mysore Sandal Soap भारत का एकमात्र साबुन ब्रांड है जो 100% शुद्ध सैंडलवुड ऑयल से बनता है। इस ब्रांड को कर्नाटक की विरासत का हिस्सा माना जाता है और यह राज्य सरकार के अधीन KSDL के अंतर्गत आता है।
आगे का रास्ता
फिलहाल KSDL अपने फैसले पर कायम है और तमन्ना के साथ प्रचार अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है। हालांकि, जनता और संगठनों के विरोध को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी भविष्य में स्थानीय चेहरे को लेकर अपनी नीति में कोई बदलाव करती है या नहीं।
निष्कर्ष
इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ब्रांडिंग के निर्णय केवल मार्केटिंग रणनीति से तय होने चाहिए, या उन्हें सांस्कृतिक और क्षेत्रीय भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। फिलहाल, तमन्ना भाटिया Mysore Sandal Soap की नई पहचान बन चुकी हैं, लेकिन इस विवाद ने ब्रांड को नयी सुर्खियां और बहस जरूर दे दी है।